22 से 27 सितंबर के बीच में अमेरिका की यात्रा कर सकते हैं पीएम मोदी!

22 से 27 सितंबर के बीच में अमेरिका की यात्रा कर सकते हैं पीएम मोदी!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महीने के अंत में अमेरिका की यात्रा इस बात पर निर्भर करेगी कि जो बाइडन प्रशासन द्वारा क्वाड समूह के नेताओं का पहला प्रत्यक्ष शिखर सम्मेलन आयोजित करने के बारे में अंतिम निर्णय क्या होता है. इससे बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि दौरे के लिए संभावित तारीख 22-27 सितंबर के बीच होगी और इसकी तैयारियां तीन खंडों पर केंद्रित होंगी-न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में मोदी का संबोधन, वाशिंगटन में प्रस्तावित क्वाड शिखर सम्मेलन में उनका भाग लेना और राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठक. हालांकि जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा के सितंबर अंत तक पद छोड़ने के एकाएक आए फैसले से प्रत्यक्ष क्वाड सम्मेलन की अमेरिका द्वारा मेजबानी करने के संबंध में अनिश्चितताएं बन गई हैं क्योंकि ऐसा बताया गया है कि टोक्यो ने संवाद के लिए प्रत्यक्ष और ऑनलाइन दोनों तरीके अपनाए जाने का अनुरोध किया है.

उन्होंने बताया कि क्वाड समूह के देशों-अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के बीच क्वाड सम्मेलन वाशिंगटन में आयोजित करने को लेकर अनिश्चितता के मद्देनजर मोदी के अमेरिका के प्रस्तावित दौरे के संबंध में भी अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं हो सका है. जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने शुक्रवार को कहा कि वह इस महीने के अंत में सत्तारूढ़ पार्टी के प्रमुख के लिए होने वाला चुनाव नहीं लड़ेंगे. उनकी इस घोषणा और तोक्यो में राजनीतिक अस्थिरता के कारण लगातार तीसरे वर्ष भारत-जापान के बीच प्रत्यक्ष सम्मेलन पर भी संदेह के बादल मंडरा रहे हैं.

मोदी और उनके तत्कालीन जापानी समकक्ष शिंजो आबे के बीच दिसंबर 2019 में गुवाहाटी में प्रस्तावित सालाना शिखर सम्मेलन संशोधित नागरिकता कानून को लेकर असम में बड़े पैमाने पर हो रहे प्रदर्शनों के कारण रद्द हो गया था. 2020 में यह सम्मेलन कोरोना वायरस महामारी के कारण नहीं हो सका. जानकार लोगों ने बताया कि मोदी के अमेरिका दौरे की तैयारियों को लेकर भारत और अमेरिका के बीच अनेक बैठक हो चुकी हैं। यदि मोदी अमेरिका दौरे पर जाते हैं तो यह जनवरी में बाइडन के पद संभालने के बाद मोदी का अमेरिका का पहला दौरा होगा.

समझा जाता है कि वाशिंगटन में पिछले दिनों विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की बैठकों के दौरान भी यह मुद्दा आया