मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी व 45 लाख रुपए की आर्थिक मदद देगी योगी सरकार

मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी व 45 लाख रुपए की आर्थिक मदद देगी योगी सरकार

लखीमपुर खीरी  में किसानों की हुई मौत मामले में चल रहे बवाल के बीच सूबे की योगी सरकार और किसानों के बीच सहमति बन गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लखीमपुर खीरी में प्रशासन और किसानों के बीच चल रही बातचीत के बाद तय किया गया कि सभी मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी दी जाएगी. वहीं इलाके में 6 अक्टूबर तक आरएएफ और एसएसबी की दो-दो कंपनियां तैनान रहेंगी.

साथ ही 45-45 लाख रुपए प्रति परिवार आर्थिक सहायता मुआवजे के रूप में   दिया जाएगा. इसी तरह घायलों को इलाज और आर्थिक सहायता के रूप में 10 लाख रुपए की मुआवजा  राशि दिए जाने का फैसला लिया गया है.

वहीं, सरकार की तरफ से कहा गया कि मृतक आश्रितों को सरकारी नौकरी और 45 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी और घटना की उच्च स्तरीय जांच रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कराई जाएगी. साथ ही उक्त मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया है कि आठ दिनों के भीतर दोषियों की गिरफ्तारी की जाएगी और इस पूरी घटना की रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच कराई जाएगी.

वहीं, सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा सहित मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी, प्रमुख सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, डीजीपी मुकुल गोयल सहित तमाम बड़े अफसरों के साथ हाई लेवल मीटिंग की. सीएम ने पूरे प्रदेश को अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा है.

विपक्षी दलों के नेताओं की तरफ से लखीमपुर जाने के घटनाक्रम और लगातार चल रहे बवाल को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अलर्ट पर हैं और अधिकारियों को इस पूरी घटना की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने के निर्देश भी दे रहे हैं. मुख्यमंत्री खुद इस पूरी घटना पर नजर बनाए हुए हैं, ताकि कोई अप्रिय स्थिति न बनने पाए.

पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव लखीमपुर खीरी जाने से पहले हिरासत में लिए गए थे. इस दौरान उन्होंने कहा था कि इतना जुल्म अंग्रेजों ने भी नहीं किया, जितना BJP की सरकार किसानों पर कर रही है. गृह राज्य मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और उपमुख्यमंत्री जिनका कार्यक्रम था, उन्हें भी इस्तीफा देना चाहिए. जिन किसानों की जान गई है, उन्हें 2 करोड़ रुपये की मदद हो. परिवार की सरकारी नौकरी हो. आपको बता दें कि अखिलेश को हिरासत में लेने के बाद पूरे प्रदेश में प्रदर्शन हुआ.

वहीं, प्रियंका को सीतापुर के हरगांव में हिरासत में ले लिया गया. उन्होंने प्रदेश पुलिस पर आरोप लगाया कि कई जगह उन्हें रोकने के प्रयास किए गए. वहीं, इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष के खिलाफ सोमवार को एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत भी लखीमपुर पहुंचे थे. जिला प्रशासन द्वारा की गई बैरिकेडिंग को ध्वस्त करते हुए लखीमपुर पहुंच गए हैं.

लखीमपुर खीरी जा रहे आप सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) को पुलिस प्रशासन ने सीतापुर बिस्वा के पास रात ढाई बजे रोक दिया. इस दौरान संजय सिंह लखीमपुर खीरी जाने की जिद करते रहे. साथ ही संविधान की दुहाई देते रहे, लेकिन पुलिस-प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बिगड़ने का हवाला देते हुए आप नेता को जाने नहीं दिया. संजय सिंह ने पुलिस-प्रशासन से कहा कि मैंने क्या अपराध किया, जो आपने मुझे रोका है, आपने क्यों मुझे रात के ढाई बजे रोका. मैं यहां बैठा हूं, और कई दिनों तक यहां बैठा रहूंगा, मुझे क्यों रोका, आप इसका जवाब दीजिए, हम शोक व्यक्त करने जा रहे, आप नहीं जाने दे रहे. आप अपने डीएम-एसपी को बुला लीजिए.

राजधानी लखनऊ में गौतम पल्ली थाने के ठीक सामने पुलिस जीप को आग के हवाले कर दिया गया. वहीं शिवपाल सिंह यादव लखीमपुर खीरी के लिए निकल चुके हैं.

लखीमपुर खीरी की हिंसक घटना के बाद भारतीय किसान यूनियन ने तत्काल एक पंचायत बुलाई और सोमवार को देश भर के हर जिले में विरोध-प्रदर्शन करने का फैसला किया था. बीकेयू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने फोन पर बताया कि यह फैसला बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत की अध्यक्षता में सिसौली गांव में हुई पंचायत में लिया गया.

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव के घर के बाहर भारी पुलिस तैनात कर दी गई है. बताया जा रहा है कि कुछ ही देर में अखिलेश लखीमपुर के लिए रवाना होने वाले हैं. लखीमपुर खीरी में हिंसक विवाद के दौरान किसानों की मौत को लेकर केंद्रीय गृह राज्‍यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्‍या, आपराधिक साजिश और बलवा सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. बता दें कि लखीमपुर खीरी के तिकुनिया थाने में उनके एफआईआर दर्ज हुई है और एफआईआर बहराइच नानपारा निवासी जगजीत सिंह की तहरीर पर दर्ज की गई है. वहीं, ताजा जानकारी के मुताबिक प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने लखनऊ एयरपोर्ट से छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और पंजाब के डिप्टी सीएम सुखजिंदर एस रंधावा को एयरपोर्ट पर उतरने की अनुमति नहीं देने के निर्देश जारी किए हैं. बता दें, बघेल और रंधावा ने आज लखीमपुर खीरी जाने की घोषणा की है.

इस बीच केंद्रीय गृह राज्‍यमंत्री अजय मिश्रा ने सफाई दी कि किसानों के बीच छुपे हुए कुछ उपद्रवी तत्वों ने उनकी गाड़ियों पर पथराव किया और लाठी-डंडों से हमले किए गए. इतना ही नहीं उन्हें खींचकर लाठी-डंडों और तलवारों से मारापीटा गया और उक्त घटना के वीडियो होने का उन्होंने दावा किया है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि उपद्रवियों ने उनकी गाड़ी को सड़क से खाई में धक्का दे दिया और तो और गाड़ियों में तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी गई. उन्होंने कहा कि उनका बेटा कार्यक्रम खत्म होने तक वहीं था. आगे उन्होंने कहा कि जिस तरह से घटनाएं हुई हैं, अगर उनका बेटा वहां होता तो वो उसकी भी पीटकर हत्या कर देते.

हमारे कार्यकर्ताओं की दुखद मृत्यु हुई है. हमारे तीन कार्यकर्ता और चालक मारा गया है. हम इसके खिलाफ एफआईआर कराएंगे और इसमें शामिल सभी लोगों पर धारा 302 का केस लगाया जाएगा.

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के गांव में वार्षिक कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था, जिसमें सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी आना था. वहीं, इस कार्यक्रम में शामिल होने को जब उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पहुंचे तो वहां पहले से मौजूद किसानों ने उनका विरोध किया. आरोप है कि इस दौरान कथित तौर पर अजय मिश्रा के समर्थकों की गाड़ी से किसानों को टक्कर लग गई. इस घटना के बाद देखते ही देखते विवाद ने हिंसा का रूप धारण कर लिया, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई. इधर, घटना के बाद से ही इलाके में तनावपूर्ण माहौल है.

वहीं, उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रियंका गांधी को सीतापुर के हरगांव से हिरासत में ले लिया है. बता दें, कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई ट्विटर के जरिए पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के काफिले के आगे बढ़ने और पुलिस द्वारा उन्हें रोकने के कथित प्रयास किये जाने संबंधी जानकारी साझा कर रही है.

रास्ते में पुलिस से तीखी बातचीत होने के बाद साढ़े पांच घंटे बाद प्रियंका को सीतापुर के हरगांव से हिरासत में ले लिया गया. उन्हें सीतापुर के ही गेस्ट हाउस ले जाया गया.

प्रियंका गांधी ने कहा कि 'यह देश किसानों का देश है. यह भाजपा की विचारधारा की जागीर नहीं है. देश को किसानों ने बनाया है, किसानों से सींचा है. जो आज हुआ वो दिखाता है कि ये सरकार किसानों को कुचलने की राजनीति कर रही है. किसानों को खत्म करने की राजनीति कर रही है. जिस तरह से इस देश में किसानों को कुचला जा रहा है, उसके लिए शब्द ही नहीं हैं.

कई महीने से किसान अपनी आवाज उठा रहा है कि उसके साथ गलत हो रहा है. सरकार सुनने को राजी नहीं है. जब बल प्रयोग करना पड़ता है, तो इसका मतलब है की सरकार व पुलिस नैतिक आधार खो चुकी है. मैं अपने घर से निकल कर कोई अपराध करने नहीं जा रही हूं. मैं पीड़ितों के परिवारों से मिलने जा रही हूं, मिलकर आंसू पोंछने जा रही हूं. इसमें कौन सी बुराई है. क्या गलत कर रही हूं मैं'.

कांग्रेस ट्विटर पर, नाकों पर पुलिस द्वारा काफिले को रोके जाने का वीडियो भी साझा कर रही है. गौरतलब है कि इससे पहले पार्टी ने आशंका जतायी थी कि प्रियंका को लखीमपुर खीरी जाने से रोकने के लिए उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस नजरबंद कर सकती है. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के रविवार के लखीमपुर खीरी दौरे का विरोध करने को लेकर भड़की हिंसा में घायल हुए किसानों से मिलने के लिए प्रियंका वहां जा रही हैं.

अधिकारियों के अनुसार, हिंसा की घटना में चार किसानों सहित कुल आठ लोगों की मौत हो गई. प्रियंका और पार्टी के नेता दीपिन्दर सिंह हुड्डा रविवार रात लखनऊ पहुंचे. इससे पहले पार्टी के एक नेता ने कहा था कि प्रियंका अभी (लखीमपुर खीरी के लिए) रवाना नहीं हुई हैं. उन्हें नजरबंद किए जाने की पूरी आशंका है. मकान के बाहर 300 पुलिसकर्मी और 150 महिला कांस्टेबल हैं. 300 से ज्यादा पार्टी कार्यकर्ता भी हैं.

प्रियंका ने हिंसा की घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है और जानना चाहा कि क्या किसानों को इस देश में जिंदा रहने का अधिकार है. उन्होंने ट्वीट किया कि भाजपा देश के किसानों से कितनी नफ़रत करती है? उन्हें जीने का हक नहीं है? यदि वे आवाज उठाएँगे तो उन्हें गोली मार दोगे, गाड़ी चढ़ाकर रौंद दोगे? बहुत हो चुका. ये किसानों का देश है, भाजपा की क्रूर विचारधारा की जागीर नहीं है. किसान सत्याग्रह मजबूत होगा और किसान की आवाज और बुलंद होगी.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लखीमपुर कांड के बाद विपक्षी दलों के नेताओं का लखीमपुर खीरी पहुंचना शुरू हो गया है. कई नेताओं ने सोमवार को लखीमपुर जाने का ऐलान किया है. बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्रा को लखनऊ में हाउस अरेस्ट कर लिया गया. उधर, किसान नेता राकेश टिकैत के काफिले को भी रोका गया, लेकिन वह आगे जाने में कामयाब रहे. उधर, चंद्रशेखर का काफिला भी पुलिस ने खैराबाद के पास रोक दिया, जिसके बाद उन्हें सीतापुर पुलिस लाइन में नजरबंद कर दिया गया. आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी लखीमपुर खीरी जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें सीतापुर में रोक दिया. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और जयंत चौधरी सोमवार सुबह लखीमपुर खीरी के लिए रवाना होंगे.

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे से पहले किसानों के प्रदर्शन के दौरान रविवार को यहां भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. यह घटना तिकोनिया कोतवाली क्षेत्र के तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई. खबरों के मुताबिक स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) वाहनों द्वारा कुछ प्रदर्शनकारियों को कथित तौर पर टक्कर मारे जाने के बाद नाराज किसानों ने दो एसयूवी में आग लगा दी.

खीरी के जिलाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने तिकोनिया में मीडियाकर्मियों को बताया कि इस घटना में चार किसान और चार अन्य (एसयूवी सवार) मारे गए.इस बीच, मृतक किसानों की पहचान बहराइच जिले के नानपारा निवासी दलजीत सिंह व गुरविंदर सिंह तथा पलिया-खीरी के लवप्रीत सिंह और नछत्तर सिंह के रूप में हुई है। दो एसयूवी चालकों समेत चार अन्य की पहचान अभी नहीं हो पाई है.

प्रदर्शनकारी किसान, मौर्य के बनबीरपुर दौरे का विरोध कर रहे थे, जो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और खीरी से सांसद अजय कुमार मिश्रा का पैतृक गांव है.

प्रदर्शनकारियों को कथित रूप से कुचले जाने की घटना से नाराज लोगों ने दो वाहनों में आग लगा दी। उन्होंने कथित तौर पर कुछ यात्रियों की भी पिटाई की.

किसानों का आरोप है कि एक वाहन में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का बेटा सवार था, हालांकि मिश्रा ने आरोप को खारिज कर दिया है.

इस घटना को लेकर विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल और भारतीय किसान यूनियन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और घटना के लिए भाजपा और गृह राज्य मंत्री के पुत्र को जिम्मेदार ठहराया है.