पहलगाम आतंकी हमला: गुजरात में एक साथ उठी पिता-पुत्र की अर्थियां, पुणे में बेटी ने दी पिता को मुखाग्नि, पूरे शहर की आंखें हुई नम

नई दिल्ली। पहलगाम में मारे गए पर्यटकों के शव परिजनों के सुपुर्द कर दिए गए हैं। पूरे देश के अलग-अलग राज्यों के इन मृत पर्यटकों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया चल रही है। हमले में मारे गए गुजरात के पिता-पुत्र की अर्थियां एक साथ उठीं तो पूरे शहर की आंखें नम हो गईं। वहीं पुणे में एक बेटी ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। पुणे के स्नैक्स कारोबारी कौस्तुभ गणबोटे अपने दोस्त संतोष जगदाले के परिवार के साथ जम्मू-कश्मीर गए थे। उनके पड़ोसी सुनील मोरे ने बताया कि पूरी जिंदगी कौस्तुभ गणबोटे अपने कारोबार को बढ़ाने में व्यस्त रहे। यह पहली बार था जब उन्होंने और उनकी पत्नी संगीता ने शहर से बाहर यात्रा करने का फैसला किया था। उन्होंने अपने करीबी दोस्त संतोष और उसके परिवार के साथ मिलकर इस यात्रा की योजना बनाई थी। सिर्फ 8 दिन पहले ही उन्होंने मुझे कश्मीर की योजना के बारे में बताया था। वे वाकई बहुत उत्साहित थे। गणबोटे ने अपना पूरा जीवन रास्ता पेठ की एक संकरी गली में गुजारा और हाल ही में उन्होंने कोंढवा-सासवाड़ रोड पर एक मकान बनवाया। वे हाल ही में दादा बने थे। संतोष जगदाले गणबोटे के घनिष्ठ मित्र थे। जगदाले और गणबोटे का शव गुरुवार सुबह पुणे पहुंचा। संतोष जगदाले को उनकी बेटी असावरी ने मुखाग्नि दी। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए पुणे निवासी संतोष जगदाले और कौस्तुभ गणबोटे के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पवार ने दोनों मृतकों के परिजनों से भी मुलाकात की और संवेदना व्यक्त की।वहीं गुजरात भावनगर के यतीश परमार और उनके बेटे स्मित श्रीनगर में मोरारी बापू के प्रवचन में भाग लेने के लिए 16 अप्रैल को कश्मीर गए थे। प्रवचन में भाग लेने के बाद वे मंगलवार को पहलगाम जा रहे थे। यहां आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी। यतीश परमार और उनके बेटे के पार्थिव शरीर को मुंबई से एक विमान से अहमदाबाद हवाई अड्डे पर लाया गया। उनकी पिता-पुत्र की अंतिम यात्रा एक साथ निकली तो हर आंख नम हो गई। गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने पिता-पुत्र को श्रद्धांजलि अर्पित की।