बड़ी खबर: सौम्या चौरसिया, रानू साहू, समीर विश्नोई समेत 6 आरोपी होंगे कल होंगे जेल से रिहा,15 मिनट लेट से आया रिहाई का आदेश, इसलिए….

बड़ी खबर: सौम्या चौरसिया, रानू साहू, समीर विश्नोई समेत 6 आरोपी होंगे कल होंगे जेल से रिहा,15 मिनट लेट से आया रिहाई का आदेश, इसलिए….

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल लेवी घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री कार्यालय की उप सचिव सौम्या चौरसिया, निलंबित IAS रानू साहू समीर विश्नोई को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने तीनों को कड़ी शर्तों के साथ अंतरिम जमानत प्रदान की है।

छत्तीसगढ़ के कोयला घोटाला और DMF घोटाला केस के 6 आरोपी अब कल (31 मई) को रिहा होंगे। इनमें रानू साहू और सौम्या चौरसिया का भी नाम शामिल है। सभी की रिहाई आज ही होनी थी लेकिन बताया जा रहा है कि रिहाई आदेश रायपुर जेल में देर से पहुंचा है।

सुप्रीम कोर्ट से इन आरोपियों को जमानत मिली है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकार दत्ता की डबल बेंच ने इस जमानत याचिका पर सुनवाई की थी। जस्टिस सूर्यकांत ने सभी आरोपियों को गवाहों को प्रभावित करने की आशंका के चलते छत्तीसगढ़ में रहने पर पाबंदी लगाई है। ऐसे में आरोपी बाहर निकलते ही छत्तीसगढ़ से भी बाहर रवाना होंगे।

 करीब 30 महीनों से जेल में बंद इन आरोपियों को कल जेल से रिहा किया जा सकता है। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि ये तीनों छत्तीसगढ़ में नहीं रह सकेंगे, साथ ही उन्हें जांच में पूरा सहयोग देना होगा और किसी भी प्रकार से साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं।

ये 6 आरोपी होंगे रिहा

  1. सौम्या चौरसिया
  2. रानू साहू
  3. समीर विश्नोई
  4. रजनीकांत तिवारी
  5. वीरेंद्र जायसवाल
  6. संदीप नायक

गौरतलब है कि 2 दिसंबर 2022 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोयला परिवहन लेवी घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस के तहत सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया था। इसके बाद एक के बाद एक कार्रवाई में सूर्यकांत तिवारी और रानू साहू भी जांच के घेरे में आए और गिरफ्तार किए गए।

इन पर अवैध कोयला परिवहन से करोड़ों रुपये की उगाही और धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के गंभीर आरोप हैं। मामले की जांच अभी भी जारी है और ED इस पूरे नेटवर्क की परत-दर-परत जांच कर रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने तीनों आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम राहत तो दी, लेकिन साथ ही सख्त शर्तें भी तय की हैं, जैसे:

  • छत्तीसगढ़ में नहीं रह सकेंगे।

  • सबूतों के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं करेंगे।

  • जांच एजेंसियों को पूर्ण सहयोग देना होगा।

अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि आगे ED की जांच किस दिशा में आगे बढ़ेगी और क्या यह अंतरिम जमानत स्थायी जमानत में तब्दील हो सकेगी या नहीं