IAS रानू साहू गिरफ्तार, विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत ने कोर्ट में किया पेश
छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने आइएएस रानू साहू के घर बड़ी कार्रवाई की है। भ्रष्टाचार मामले में पूछताछ में संतुष्टि जनक जवाब नहीं मिलने पर विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत के सामने प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने कोर्ट में पेश किया। जिसके बाद अब रिमांड पर भी लिया जा सकता है।
बता दें कि कोरबा की पूर्व कलेक्टर आईएएस रानू साहू के घर ईडी ने तीसरी बार छापा मारा है। इससे पहले कोल परिवहन केस में भी उनके सरकारी बंगले और मायके में छापा पड़ चुका है। ईडी उन्हें कई बार पूछताछ के लिए बुला चुकी है।
IAS रानू साहू का जन्म गरियांबद जिले के पांडुका के एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके पति जयप्रकाश भी 2010 बैच के आईएएस है। मां लक्ष्मी साहू जिला पंचायत की सदस्य हैं और पिता अरुण साहू हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं। IAS रानू साहू की दो बहन और एक भाई हैं।
रानू साहू छत्तीसगढ़ की दूसरी आईएएस आॅफिसर हैं जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया। इससे पहले आईएएस समीर विश्नोई गिरफ्तार हो चुके हैं और कोल स्कैम के मामले में फिलहाल रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद है। रानू साहू वर्तमान में कृषि विभाग में संचालक के पद पर पदस्थ थीं। इससे पहले रानू रायगढ़ जिले की कलेक्टर रह चुकी हैं।
पिछले साल ईडी ने मनी लांड्रिंग और कोल अवैध वसूली मामले में रानू साहू के कलेक्टर रहते हुए छापेमारी कारर्वाई की थी। रानू साहू के मायके में एऊ के अधिकारियों ने दबिश दी थी। साहू के गांव पाण्डुका, गरियाबंद जिले में छापा पड़ा था। साहू के परिजन राजनीति से जुड़े हैं। जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी साहू और कांग्रेस नेता शैलेंद्र साहू के घर टीम घुसी थी। लक्ष्मी साहू कलेक्टर रानू साहू की मां हैं। वहीं शैलेंद्र साहू उनके चचेरे भाई हैं। मैनपुर में एक 12 एकड़ के तालाब के भी इस परिवार के नाम होने की जानकारी सामने आई थी, क्योंकि इसकी प्रारंभिक रजिस्ट्री में परिवार का नाम था। दो महीने पहले कोल मामले में ईडी ने आईएएस अफसर, कोल कारोबारी और कुछ कांग्रेसी विधायकों की संपत्ति अटैच की थी। तब प्रदेश में 90 चल अचल संपत्तियों को अटैच किया गया है। जिनमें लग्जरी गाड़ियां, ज्वेलरी और नगद शामिल है। कुल 51. 40 करोड़ की संपत्ति को बरामद किया गया है। यह बरामदगी आईएएस रानू साहू, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, विधायक चंद्र देव राय के पास से की गई थी। यह कोल एक्सटॉर्शन स्कैम से जुड़ा हुआ मामला है। ईडी की तरफ से कहा गया है कि इस मामले में अब तक 221.5 करोड़ के आसपास की संपत्ति अटैच की जा चुकी है।