रेस्तरां के आड़ में चल रहा था ऑनलाइन सट्टे का नेटवर्क, नितिन मोटवानी और सागर जैन गिरफ्तार
रायपुर। क्रिकेट सट्टा चलाने वाला शीमर्स क्लब का मालिक नितिन मोटवानी और सागर जैन पकड़ा गया. पुलिस ने शुक्रवार रात उसे गिरफ्तार करने के बाद लंबी पूछताछ की। उसके मोबाइल और क्लब में मिले लैपटॉप की जांच के बाद जुआ-सट्टा एक्ट के तहत केस दर्ज कर उसे शनिवार की शाम कोर्ट पेश किया गया। कोर्ट से उसे जेल भेज दिया गया है। पुलिस को इनपुट मिला है कि आरोपी मोटी रकम लेकर सट्टे का लिंक बेचता था। उसने रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़ के खाइवालों का सिंडीकेट बनाया है। वे उसके लिए सट्टे की कटिंग लेते थे। पुलिस उसके सिंडीकेट की तलाश कर रही है। हालांकि क्राइम डीएसपी की टीम ने चार लोगों को हिरासत में लिया था। उनसे रातभर पूछताछ की गई। शनिवार की सुबह अचानक तीन को छोड़ दिया गया। पंडरी थाना में सिर्फ एक के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस अफसरों ने बताया कि पाम बेलाजियो निवासी नितिन मोटवानी का विधानसभा इलाके में शीमर्स क्लब है। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि नितिन रेस्तरां कारोबार के आड़ पर सट्टे का नेटवर्क चला रहा है। वह मोटी रकम लेकर सट्टा खेलने के लिए लिंब बेचता है। उसके साथ रायपुर का नवीन बत्रा व अजय जैन, रायगढ़ का सोनू, दीपक, करण व उनके साथी काम करते हैं। पूछताछ में आरोपियों के नाम का खुलासा हुआ है। पुलिस की टीम उनकी तलाश में जुटी है। इधर, देर रात बैरनबाजार से सागर जैन को गिरफ्तार किया गया है। बिलासपुर पुलिस ने शुक्रवार को छापा मारकर दिल्ली बराड़ी के रमेश सिंह को गिरफ्तार किया। उसने स्वर्णभूमि के सनी पृथ्वानी का नाम बताया। पुलिस ने छापा मारकर उसे भी पकड़ लिया। पृथ्वानी गिरोह का सरगना है। उसके बाद जशपुर के विनय भगत, मानेश्वर भगत और बिहार के मोंटू रवानी को गिरफ्तार किया। पृथ्वानी से पूछताछ में मोटवानी का नाम सामने आया। उसके बाद रायपुर पुलिस ने कार्रवाई की। हालांकि पृथ्वानी को कोर्ट से जमानत मिल गई। पुलिस ने आरोपियों को फोन और लैपटॉप जब्त किया है। उसकी जांच की जा रही है। इस मामले में कुछ और लोगों की गिरफ्तारी की प्रयास किया जा रहा है। पुलिस का दावा है नितिन मोटवानी क्रिकेट सट्टे का बड़ा बुकी है। राज्य के बाहर भी उसका नेटवर्क फैला है। पुलिस को उसके मोबाइल की जांच के दौरान कुछ अहम क्लू मिले हैं। उनकी तस्दीक की जा रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मोटवानी से जुड़े कई लोग पहले भी पकड़े जा चुके हैं। उनके बारे में भी जानकारी निकाली जा रही है कि वे अभी कहां हैं।