मतगणना से पहले VVPAT सत्यापन के लिए याचिका, कल सुनवाई करेगा SC
सुप्रीम कोर्ट कल (बुधवार को) एक जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए सहमती जतायी है जिसमें ईवीएम वोटों की गिनती की शुरु करने से पहले वीवीपीएटी सत्यापन की मांग की गई है. वीवीपीएटी का सत्यापन मतगणना होने के बाद किया जाता है.
सुप्रीम कोर्ट ईवीएम वोटों की गिनती की शुरुआत में मतदाता-सत्यापन योग्य पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) सत्यापन करने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर कल (बुधवार को ) सुनवाई के लिए सहमत हो गया है. वीवीपीएटी का सत्यापन वोटो की गिनती खत्म होने के बाद किया जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ' भारत के चुनाव आयोग को सूचित करें, देखते हैं कि क्या किया जा सकता है.'
वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि वर्तमान में वोटों की गिनती खत्म होने के बाद वीवीपीएटी का सत्यापन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस वक्त तक सभी चुनाव एजेंट चले जाते हैं, इसलिए इसमें कोई पारदर्शिता नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी मांग पर कोर्ट ने सुनवाई करने पर सहमति जतायी.
इस पर बोलते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एन. वी. रमना ने कहा कि इस संबंध में 2019 दिशानिर्देश हैं और 8 अप्रैल के सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला दिया. यह आदेश विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा दायर एक याचिका में पारित किया गया था जिसमें कम से कम 50 प्रतिशत मतदान केंद्रों के वीवीपीएटी पेपर ट्रेल के भौतिक सत्यापन की मांग की गई थी.
वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) या वेरिफाइड पेपर रिकॉर्ड (वीपीआर) एक बैलेटलेस वोटिंग सिस्टम का उपयोग करके मतदाताओं को फीडबैक प्रदान करने का एक तरीका है. यह वोटिंग मशीनों के लिए एक स्वतंत्र सत्यापन प्रणाली है. इससे मतदाताओं को यह सत्यापित करने की अनुमति देने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि उनका वोट सही तरीके से डाला गया था. साथ ही संभावित चुनावी धोखाधड़ी या खराबी का पता लगाने के लिए एक साधन प्रदान करता है. इसमें उम्मीदवार का नाम (जिसके लिए वोट डाला गया है) और पार्टी/व्यक्तिगत उम्मीदवार का चुनाव चिन्ह होता है.