बिन टमाटर सब सून
Premdeep
बिन टमाटर के भी काम चलेगा भैया
भाव तुम खुद बढ़ा रहे हो
पैसे के ढेर में बैठे हो भैया ,
एक रुपए जब था बेचारा
तब कितनी सेहत बनाए हो भैया ,
पड़े थे जब सड़क में
उस दौर बटोर ले आते भैया ,
साधन नहीं संसाधन नहीं
इनके बिना भी काम चलेगा भैया ,
धनवंतरी ने हाथ नहीं लगाया
औषधि पुरातन नहीं भैया ,
फिरा है जब आज दिन इनका
तुम्हें रास नहीं आ रहा है भैया,
सब का वक्त बदलता है
इनका भी वक्त बदला है भैया,
सस्ती की आदी हो गए हो
फिर महंगे पर ऐतराज़ क्यों भैया,