माँ पिता की जय
नर्मदा दीवान "नैना " सुकुलबाय (सिरपुर) महासमुंद छ.ग.
अंगना म जेकर लइकापन ल मँय बिताय हंव।
जेकर कमई ल मँय घुम- घुम के खाय हंव।
सदादिन खुश रहय अइसन भगवान हर मोर।
बड़ भागमानी हँव मँय अइसन बाप पाये हंव।
खांद म बइठार के मड़ई मेला मोला घुमाय हे।
हांसी मोर देख के जम्मों दुख अपन भुलाय हे।
मोला रोवत देख सुनय त दउड़त चले आवय।
भुख प्यास खुदे सहिके मोला कौंरा खवाय हे।
जेकर पांव के चिन्हा म अपन पाँव मढ़ाये हंव।
जेकर मुंहु के कौरा ल झपट के मँय खाये हंव।
सदादिन खुश रहय अइसन भगवान हर मोर।
बड़ भागमानी हँव मँय अइसन बाप पाये हंव।
????????अपन अपन दाई दादा की जय ????????