मौन

डाॅ मीता अग्रवाल मधुर रायपुर छत्तीसगढ़

मौन

मौन
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धरथे ज्ञानी मौन ला,करथे मन मा ध्यान।
ज्ञान ध्यान ले ही बनय,जिनगी हा आसान।
जिनगी हा आसान,सिद्ध सब होथे कारण।
सुख-दुख बाँटय लोग,करय सुग्घर सत् धारण।
सुनो मधुर के गोठ,मनन चिंतन जो करथे।
मिलथे धीरअपार,मौन ला मन मा धरथे।।

(2)
विपदा आवय जब कभू,धारव तुरते मौन।
बेरा जाथे बीत जी,संग निभाही कौन।
संग निभाही कौन,जान के बेरा टारे।
महिमा ऐखर जान,समय बल जानव प्यारे।
सुनो मधुर के गोठ,बनय सत मार्ग शुभदा।
बाँधे राखव साथ,कभू जब आवत विपदा।।
डाॅ मीता अग्रवाल मधुर रायपुर छत्तीसगढ़