सावधान: इस राज्य में निपाह वायरस की दहशत, दो दिन शिक्षण संस्थाने बंद, तेजी से फल रहा बांग्लादेश वेरिएंट, लॉकडाउन जैसी पाबंदियां

सावधान: इस राज्य में निपाह वायरस की दहशत, दो दिन शिक्षण संस्थाने बंद, तेजी से फल रहा बांग्लादेश वेरिएंट, लॉकडाउन जैसी पाबंदियां

नई दिल्ली। निपाह वायरस का बांग्लादेश वेरिएंट  केरल के कोझिकोड जिले में तेजी से फैल रहा है। बुधवार को इस वायरस का पांचवां मामला रिपोर्ट किया गया, जिसके बाद कोझिकोड जिले में सभी शिक्षा संस्थानों को अगले दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। ताजा मामले में यहां एक स्वास्थ्यकर्मी का परीक्षण पॉजिटिव आया है। उम्मीद जताई जा रही है कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद  द्वारा संक्रमित लोगों के इलाज के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज आज उपलब्ध करा दी जाएगी।
कोझिकोड जिले में छुट्टी की घोषणा कलेक्टर ए गीता ने की। एक फेसबुक पोस्ट में उन्होंने कहा कि अगले दो दिन स्कूल बंद रहेंगे। शैक्षणिक संस्थान छात्रों के लिए दो दिनों में आॅनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था कर सकते हैं। हालांकि, विश्वविद्यालय परीक्षा कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं होगा। मौजूदा वक्त में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ही निपाह वायरस संक्रमण का एकमात्र इलाज उपलब्?ध है। हालांकि यह अभी तक चिकित्सकीय रूप से सिद्ध नहीं हो पाया है।
निपाह वायरस की चपेट में पहले आया नौ साल का बच्चा काफी गंभीर स्थिति में है। द हिंदू अखबार की रिपोर्ट में बताया गया कि उसके संपर्क में आए 60 लोगों का पता लगा लिया गया है। इसी तर्ज पर कोझिकोड के मारुथोंकारा के एक 47 वर्षीय व्यक्ति के 371 संपर्क चिकित्सा निगरानी में हैं। केरल के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि लड़का कोझिकोड के एक अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। हमने  भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का आॅर्डर दिया है और इसे जल्द ही कोझिकोड लाया जाएगा। आयात की गई ये दवा आईसीएमआर के पास पहले से ही उपलब्ध है।

लॉकडाउन जैसी पाबंदियां
 उच्च जोखिम वाले निपाह रोगियों को अपने घरों के अंदर रहने के लिए कहा गया है। निपाह के जिन दो मरीजों की मौत हुई है, उनके रूट प्रकाशित कर दिए गए हैं, ताकि लोग उन रास्तों का इस्तेमाल न करें। कोझिकोड में त्योहारों और समारोहों में बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कोझिकोड जिले के वडकारा तालुक में नौ पंचायतों के 58 वार्डों को नियंत्रण क्षेत्र घोषित किया गया है। इन क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं और केवल प्रवेश और निकास की अनुमति है। आवश्यक सामान बेचने वाली दुकानों को सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक काम करने की अनुमति होगी। फार्मेसियों और स्वास्थ्य केंद्रों के लिए कोई समय सीमा नहीं दी गई है। निर्देशों के मुताबिक, कन्टेनमेंट जोन के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्गों पर चलने वाली बसें या वाहन प्रभावित क्षेत्रों में नहीं रुकने चाहिए।