एनसीआरबी की रिपोर्ट में खुलासा, इन शहरों के बच्चे हुए खूंगार, कत्ल करने में भी नहीं कांपते हाथ
नई दिल्ली. नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की बीते दिनों आई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बीते साल करीब 820 हत्याओं की वारदात नाबालिगों द्वारा अंजाम दी गई हैं. नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट में इस बार कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिनमें एक खुलासा उन बच्चों को लेकर है, जिनके हाथ संगीन अपराधों में लिप्त पाए गए हैं. संगीन अपराधों में लिप्त कुछ बच्चे इस कदर खूंखार हो गए हैं कि अब उनके हाथ कत्ल करने में भी नहीं कांपते.
महाराष्ट्र एक ऐसा राज्य है, जहां पर सर्वाधिक 154 हत्या की वारदातों को नाबालिगों ने अंजाम दिया है. महाराष्ट्र के ऐसे जिले की बात करें, जहां सर्वाधिक हत्याएं नाबालिगों ने की है, तो उस जिले का नाम है पुणे. पुणे में 13 हत्या की वारदातें नाबालिगों ने अंजाम दी हैं. इसके अलावा, नाबालिगों द्वारा हत्या के अहमदनगर से 5, अमरावती से 6, औरंगाबाद से 5, जालना से 6, मुंबई से 9, नागपुर से 15, नांदेड़ से 6, नंदुरबार से 7, नासिक से 12, ठाणे से 9, पिंपरी चिंचवड़ से 7 और विरार से 5 मामले सामने आए हैं.
बिहार सूबे के मुंगेर में सर्वाधिक हत्या की 17 वारदातें नाबालिगों द्वारा अंजाम दी गई हैं. वहीं, पूरे बिहार की बात करें तो सूबे के छह अलग-अलग जिलों से नाबालिगों द्वारा हत्या की करीब 35 वारदातें रिपोर्ट की गई हैं. इसके अलावा, मोतिहारी शहर में भी नाबालिगों ने हत्या की 10 वारदातों को अंजाम दिया है. वहीं अन्य अपराधों की बात करें बिहार में आईपीसी के अंतर्गत आने वाली करीब 887 वारदातों को नाबालिगों ने अंजाम दिया है.
चेन्नई में सर्वाधिक 475 वारदातें नाबालिगों द्वारा अंजाम दी गई हैं. इन वारदातों में हत्या, हत्या का प्रयास, महिलाओं के साथ अपराध, डकैती जैसे जघन्य अपराध भी शामिल है. वहीं पूरे तमिलनाडु की बात करें तो सूबे में कुल 102 वारदातों को नाबालिगों ने अंजाम दिया है. जिसमें थूथुकुडी की 16 हत्या की वारदातें भी शामिल हैं. वहीं पूरे देश की बात करें तो करीब 17 हजार से अधिक जघन्य आपराधों में नाबालिगों का हाथ रहा है.