कंप्यूटर ऑपरेटर्स की हड़ताल ख़त्म होने के बाद बेराजगार हुए अस्थायी कर्मचारी
गरियाबंद जिले के धान खरीदी केंद्रों में प्रशासन की अस्थायी व्यवस्था अब विवाद का रूप ले चुकी है। हड़ताली कंप्यूटर ऑपरेटर्स की गैरमौजूदगी में जिन बेरोजगार युवाओं को तात्कालिक रूप से नियुक्त किया गया था, उन्हें स्थाई ऑपरेटर्स की वापसी के बाद बिना सूचना के हटा दिया गया। इससे नाराज युवाओं ने 26 नवंबर को कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर विरोध दर्ज कराया।
काम पूरा चलने के बाद अचानक बाहर का रास्ता
युवाओं का कहना है कि खरीदी केंद्रों में काम तेज होने के बाद वे लगातार अपनी सेवाएं दे रहे थे। कई केंद्रों में डेटा एंट्री और खरीद से जुड़ा पूरा काम इन्हीं के सहारे चला। उन्हें भरोसा दिलाया गया था कि धान खरीदी सीजन के दौरान उनकी सेवाएं जारी रहेंगी। लेकिन जैसे ही पुराने ऑपरेटर्स की हड़ताल खत्म हुई, प्रशासन ने अस्थायी नियुक्त कर्मचारियों को कार्यमुक्त कर दिया।
सेवा अवधि जारी रखने की मांग
युवाओं ने कलेक्टर से मांग की है कि पूर्व निर्देशों के मुताबिक उन्हें खरीदी सीजन तक काम करने दिया जाए। उनका कहना है कि अचानक हटाए जाने से वे फिर से बेरोजगारी की मार झेलने को मजबूर हैं।
प्रशासन के रवैये पर सवाल
कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में युवाओं ने कहा कि नियुक्ति के समय उन्हें जिम्मेदारी और भरोसा दिया गया, लेकिन अब उन्हें नज़रअंदाज कर दिया गया है। इस कदम ने युवाओं में आक्रोश बढ़ा दिया है और उन्होंने कहा है कि न्याय मिलने तक उनकी आवाज उठती रहेगी।
घटना ने जिले में प्रशासन की तात्कालिक व्यवस्था और भरोसे के सवालों को फिर से सामने ला दिया है।