मंत्री लखमा व सांसद बैज के प्रयासों से महारा समाज में फिर जागी उम्मीद की आस...
बरसों से आरक्षण से वंचित बस्तर संभाग के मूल जाति माहरा समुदाय के आरक्षण हेतु आबकारी मंत्री कवासी लखमा जी के मार्गदर्शन में बस्तर सांसद श्री दीपक बैज जी के द्वारा दिल्ली में छत्तीसगढ़ राज्य के प्रस्ताव पे भारत सरकार के सचिव श्री आर.सुब्रमण्यम जी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय शास्त्री भवन नई दिल्ली एवं श्री विवेक जोशी महाराजिस्ट्रार (RGI) से मुलाकात किया गया। माहरा समाज अविभाजित मध्यप्रदेश में महार,मेहर,मेहरा के साथ साथ माहरा को भी अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण का लाभ मिलता था किंतु द्वितीय जाति संशोधन 1976 में माहरा जाति अनुसूचित जाति वर्ग से छूट गया। सन् 1989 में मध्यप्रदेश अनुसंधान केंद्र द्वारा भारत सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया। एवं सन् 2002 में भारत सरकार द्वारा जारी राजपत्रित गजट में मध्यप्रदेश में सरल क्रमांक 33 में महार,मेहर,मेहरा के साथ माहरा को भी अनुसूचित जाति वर्ग में रखा गया है चूंकि सन् 2000 में प्रथक छत्तीसगढ़ राज्य गठन होने के कारण इस माहरा को अनुसूची में नही जोड़ा गया है जिसके कारण सम्पूर्ण बस्तर संभाग में निवासरत माहरा समुदाय के साथ साथ रायपुर धमतरी एवं अन्य जगहों पे निवासरत माहरा जाति को अनुसूचित जाति का लाभ नहीं मिल पा रहा है जिससे सम्पूर्ण समाज का शिक्षा,रोजगार एवं विकास की गति रुक सी गई है सांसद बस्तर दीपक बैज द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय तथा RGI महाराजिस्ट्रार से भेंट कर विस्तृत चर्चा किया गया और कहा गया कि यह समाज अतिपिछड़ा गरीब होने के कारण इन्हें आरक्षण की आवश्यकता दोनो ही विभाग से छत्तीसगढ़ के बस्तर में निवासरत माहरा समुदाय को हर संभव अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण का लाभ दिलाने अबिलंभ कोशिश किया जाएगा।श्री बैज की बातों को दोनों अधिकारी गम्भीरता से सुना आरक्षण से सम्बंधित तथ्यों को संकलित कर आरक्षण पे कार्यवाही का आश्वासन दिया गया साथ ही सामाजिक प्रतिनिधि मण्डल के समक्ष ज्ञापन दिया गया। इस दौरान युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव दुर्गेश राय,केदार सिंह ढेँक,जितेंद्र सिन्हा एवम मौजूद थे।