स्कूलों के उन्नयन का विरोध करना धरमलाल कौशिक और भाजपा के जनविरोधी चरित्र का प्रमाण है
अपने 15 साल के कुशासन में हजारों सरकारी स्कूल बंद करवाने वाले भाजपाई स्वामी आत्मानंद स्कूल पर भ्रम न फैलाएं छत्तीसगढ़ में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सुपोषण और आमजन की समृद्धि से भाजपा नेताओं को इतनी नफरत क्यों है?
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के बयान पर कड़ा प्रतिवाद करते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने सवाल किया है कि आखिर छत्तीसगढ़ में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सुपोषण और आमजन की समृद्धि से भाजपा नेताओं को इतनी नफरत क्यों है? 2014 से 2018 तक केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकारें रही। फरवरी 2020 में लोकसभा में उठाए गए एक सवाल पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने अपने जवाब में आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया था कि वर्ष 2014 से 2018 के बीच छत्तीसगढ़ में 2811 शासकीय प्राथमिक स्कूलों को स्थाई तौर पर बंद कर दिया गया है। वर्ष 2014-15 में कुल 35149 प्राथमिक स्कूल थे जो 2018-19 में घटकर 32811 रह गए, धरमलाल कौशिक और भाजपा नेताओं का इन आंकड़ों पर क्या जवाब है? उसी तरह बस्तर के सुदूर वनांचल और आदिवासी क्षेत्र में सैकड़ों स्कूल रमन राज में बंद किए गए थे, जिन्हें भूपेश बघेल सरकार ने पुनः आरंभ करवाया है। उत्कृष्ट शिक्षा के लिए प्रदेश के प्रत्येक जिलों में मॉडल स्कूल संचालित थे जिनका पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर रमन सरकार ने निजी क्षेत्र के संस्थान “डीएवी“ को हस्तांतरित कर दिया था, तब भी धरमलाल कौशिक मौन थे। आज जब भूपेश बघेल सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और आम जनता को निः शुल्क उत्कृष्ट शिक्षा सुविधा मुहैया कराने प्रयास कर रही हैं तो भाजपाइयों को पीड़ा हो रही है। स्वामी आत्मानंद स्कूल ने तो विश्व स्तरीय सुविधाओं से युक्त निःशुल्क शिक्षा के नए प्रतिमान स्थापित किया है। अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के बाद अब स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूल भी प्रत्येक जिले में स्थापित किए जा रहे हैं ताकि राष्ट्रभाषा हिंदी में भी उच्च गुणवत्ता युक्त उत्कृष्ठ शिक्षा आमजन को निः शुल्क उपलब्ध हो सके। धरमलाल कौशिक और छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता झूठ, भ्रम और गलत बयानी के बजाए विपक्ष का धर्म निभाए और रचनात्मक कार्यों में सहभागी बनें।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में संचालित 173 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की तर्ज पर जिला मुख्यालयों के शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों को स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम स्कूल के रूप में विकसित करने के संकल्प पर तेजी से काम हो रहा है। भूपेश सरकार का प्रयास है कि इन स्कूलों का प्राचीन गौरव पुनः लौट सके जो छत्तीसगढ़ के महापुरूषों की अध्ययन स्थली रहें हैं। हमारा संकल्प है कि इन स्कूलों को उत्कृष्ट स्कूलों में विकसित करने के साथ-साथ राष्ट्र भाषा हिन्दी में अध्ययन की उत्तम व्यवस्था हो। रायपुर के लिए विशेष रूप से तीन स्कूलों-शासकीय जे.आर. दानी, शासकीय माधवराव सप्रे और शासकीय जे.एन. पाण्डेय स्कूल को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम स्कूल के रूप में उन्नयन किया जा रहा है। इस बात का ध्यान रखा गया है कि स्कूल के वर्तमान भवन को तोड़ा जाना नहीं है, बल्कि उसे रिस्टोर करके उसके पुराने गौरव को लौटाना है। यह भी ध्यान रखा गया है की भवन का बाहरी स्वरूप प्राचीन रहे परन्तु आंतरिक रूप उसमें समस्त लैब, पुस्तकालय और अन्य सामग्री आधुनिक हो। विद्यार्थियों के फर्नीचर, खेल सामग्री, कला सामग्री, कम्प्यूटर लैब आदि में आधुनिकता की कोई कमी न हो। गुणवत्ता के साथ इन स्कूलों का उन्नयन भी किया जाए। भूपेश सरकार के विगत 3 वर्ष के कार्यकाल में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सुपोषण और आमजन की समृद्धि के लिए अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। लोक कल्याणकारी सरकार का दायित्व निभाने भूपेश बघेल सरकार कृत संकल्पित है लेकिन छत्तीसगढ़ में 15 साल लगातार वादाखिलाफ़ी करने वाले भाजपा नेता विपक्ष की भूमिका निभाने में भी पूरी तरह नाकाम रहे हैं।