प्रदेश में नहीं दिखते मुख्यमंत्री और द्वितीय मंत्री सिंहदेव, 3 साल से छत्तीसगढ़ भगवान भरोसे : संजय
मुख्यमंत्री भूपेश बघेलऔर सीएम पद के दूसरे दावेदार स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेवआयेदिन छत्तीसगढ़ के बाहर ज्यादा नजर आते हैं. इसको लेकर भाजपा ने बघेल और सिंहदेव के इन दौरों पर सवाल खड़े किये हैं. विपक्ष का आरोप है कि इन दोनों के लगातार बाहर रहने से छत्तीसगढ़ पिछले तीन सालों से भगवान भरोसे चल रहा है.
इन दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मुख्यमंत्री पद के दूसरे दावेदार रहे स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भाजपा के निशाने पर हैं. इसकी मुख्य वजह इन दोनों के लगातार छत्तीसगढ़ से बाहर रहना है. लगातार इन दोनों नेताओं के प्रदेश से बाहर रहने को लेकर भाजपा ने सवाल खड़े किये हैं. भाजपा की मानें तो मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के लगातार छत्तीसगढ़ के बाहर रहने की वजह से प्रदेश का काम-काज काफी प्रभावित हो रहा है और यह सरकार भगवान भरोसे चल रही है.
"छत्तीसगढ़ से बाहर बीतता है सीएम का अधिकतर समय, यह जनता का दुर्भाग्य"
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि छत्तीसगढ़ भगवान के भरोसे है. बकौल श्रीवास्तव, मुझे लगता है कि भगवान इस बात को देख रहा है कि जो जिम्मेदारी ईश्वर ने उन्हें दी है, उस जिम्मेदारी को यह सरकार पूरी नहीं कर पा रही है. हम यह कह सकते हैं कि आज छत्तीसगढ़ करीब 3 वर्षों से भगवान के भरोसे चल रहा है. प्रदेश की जनता का यह दुर्भाग्य है कि इस प्रदेश के मुख्यमंत्री का अधिकतर समय दूसरे प्रदेशों में ही व्यतीत होता है. दूसरी ओर मुख्यमंत्री बनने के लिए लगातार प्रयास करने वाले टीएस बाबा भी अधिकांश समय दिल्ली में दिखाई देते हैं.
"चुनाव से पहले जनता से किये वादे, इनकी प्राथमिकता में नहीं"
प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि मुझे लगता है कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के पहले जनता से जो वादे किये थे, आज उनकी प्राथमिकता में वह नहीं रहे. अपनी कुर्सी और अपने व्यक्तित्व को बड़ा करने के लिए बस हाईकमान के सामने अपनी स्थिति सुधारने के लिए यह इनकी प्राथमिकता रह गई है. जिस तरीके से राहुल गांधी देश में नहीं रहकर विदेशों में ज्यादा पाए जाते हैं, उसी तर्ज पर मुख्यमंत्री और प्रदेश के द्वितीय मंत्री भी प्रदेश से बाहर ही दिखते हैं. मतलब कांग्रेस का चरित्र है कि चुनाव जीतने और सत्ता प्राप्त करने के बाद जनता उसकी प्राथमिकता में नहीं रहती है.
आज तमाम प्रकार आंदोलन हो रहे हैं. रसोइया संघ को वेतन नहीं मिल पा रहा है. संघ के सदस्य रेडी-टू-ईट की बहनें बीते कई वर्षों से अपना जीवन-यापन कर रही थीं, वह कॉन्ट्रैक्ट उनसे छीनकर किसी व्यक्तिगत आदमी को देकर उनको भी आंदोलन करने पर मजबूर करना पड़ रहा है. किसान परेशान हैं. युवा परेशान है कि उन्हें बेरोजगारी भत्ता 2500 रुपये कब मिलेगा, लेकिन इस पर कहीं भी किसी प्रकार की चर्चा नहीं हो रही है. अपनी कुर्सी बचाओ प्रतियोगिता में सरकार के ये दोनों बड़े नेता लगे हुए हैं.
कांग्रेसी नेताओं को दूसरे प्रदेश की जिम्मेदारी मिलना उनकी नेतृत्व क्षमता का प्रमाण : ठाकुर
वहीं भाजपा के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को प्रदेश के बाहर की जिम्मेदारी कांग्रेस संगठन दे रहा है, जो उनके नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है. भाजपा नेताओं को आत्मचिंतन करना चाहिए कि आखिर 15 साल की सत्ता के बाद उनकी हालत ऐसी कैसे हो गई कि जनता ने तो उन्हें नकार ही दिया अब भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी उनको नकारा मानकर चल रही है. इसीलिए नगरीय निकाय चुनाव में भी उनको दूर रखा गया है.
बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पूर्व में असम चुनाव में सक्रिय नजर आए थे. उसके बाद अब उन्हें यूपी चुनाव में सीनियर ऑब्जर्वर बनाया गया है. इस वजह से वे आयेदिन उत्तर प्रदेश के दौरे पर रहते हैं. इसके अलावा उनका दिल्ली सहित अन्य राज्यों में लगातार आना-जाना लगा रहता है. या यूं कहें कि छत्तीसगढ़ से ज्यादा समय इन दिनों उनका अन्य राज्यों में बीत रहा है.
कुछ यही आलम मुख्यमंत्री पद के दूसरे दावेदार यानि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का भी है. वह भी आयेदिन छत्तीसगढ़ के बाहर ज्यादा नजर आते हैं. कभी उनका दिल्ली तो कभी भोपाल आना-जाना लगा रहता है. इसके अलावा अन्य राज्यों में भी उनके दौरे होते रहते हैं. यही वजह है कि अब भाजपा ने बघेल और सिंहदेव के इन दौरों को लेकर सवाल खड़े किये हैं. भाजपा का आरोप है कि इन दोनों के लगातार बाहर रहने की वजह से आज छत्तीसगढ़ भगवान भरोसे चल रहा है.