शाला सुरक्षा पर राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन शाला सुरक्षा के तकनीकों को जानेंगे प्रदेश के शिक्षक

शाला सुरक्षा पर राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन शाला सुरक्षा के तकनीकों को जानेंगे प्रदेश के शिक्षक

 राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद रायपुर के द्वारा यूनिसेफ छत्तीसगढ़ एवं  अर्पण एनजीओ छत्तीसगढ़ के सहयोग से शाला सुरक्षा एवं  व्यक्तिगत सुरक्षा पर राज्य स्तरीय 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन 2 चरणों में शिक्षा महाविद्यालय रायपुर में किया जा रहा है । इस प्रशिक्षण में प्रदेश के सभी विकासखंड से 2 स्त्रोत व्यक्तियों को बुलाया गया है । 
      कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में डॉ योगेश शिवहरे अतिरिक्त संचालक एस सीईआरटी, जे एक्का प्राचार्य शिक्षा महाविद्यालय, ए के सारस्वत सहायक प्राध्यापक,सुनील मिश्रा सहायक प्राध्यापक,प्रशांत पांडे साक्षरता मिशन ,जे जकारिया, छाया कुंवर,विशाल जी यूनिसेफ से,सोनाली महेश्वरी अर्पण फाउंडेशन के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ । 
      कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ योगेश शिवहरे ने कहा कि शाला सुरक्षा आज एक अहम मुद्दा है । इस पर कार्य करने के लिए परिषद के द्वारा पहल किया जा रहा है जो सराहनीय है । आप इस कार्य को अपने विकासखंडों में लीड करेंगे । आपकी भूमिका एक कुशल नेतृत्वकर्ता की होगी । आपके लीडरशिप में शाला सुरक्षा का कार्य आपके क्षेत्र में होगा जो कि काफी महत्वपूर्ण है । 
          यूनिसेफ की छत्तीसगढ़ की प्रभारी छाया कुंवर के द्वारा शाला सुरक्षा में आवश्यक 3 स्तंभों को लागू करने पर बल दिया गया । जे जकारिया यूनिसेफ के द्वारा प्रतिभागियों को बताया गया कि शाला सीखने का सबसे सुरक्षित स्थान है ,इसलिए शाला में बच्चो के लिए समरक्षा का वातावरण निर्मित करने की बात कही गई । यूनिसेफ से विशाल जी के द्वारा 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला की रूपरेखा तथा आपदा प्रबंधन एवं  समस्याओं का चिन्हांकन कर निराकरण के संबंध में जानकारी प्रदान किया गया । 
     अर्पण फाउंडेशन की सोनाली महेश्वरी के द्वारा बाल सुरक्षा अधिनियम को अनिवार्य रूप से शाला में लागू करते हुए समुचित क्रियान्वयन में किस प्रकार से सहयोग दिया जा सकता है । इस हेतु क्या उपाय अपनाए जा सकते है पर चर्चा किया गया । 
   शिक्षा महाविद्यालय की प्राचार्य द्वारा राज्य में घट रही घटनाओं का उदाहरण देते हुए आपदा प्रबंधन की आवश्यकता को समझाया। कार्यक्रम का संचालन डॉ विद्यावती चंद्राकर द्वारा किया गया ।