'अग्निपथ' के विरोध में आज युवा संगठनों का बिहार बंद, RJD और वाम दलों का है समर्थन

सैन्य भर्ती के लिए केंद्र द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना के खिलाफ बीते तीन दिनों से देशभर में प्रदर्शन जारी है. मंगलवार को केंद्र की ओर से योजना और उससे जुड़े प्रक्रिया की घोषणा के बाद युवा सड़क पर उतर आए हैं.

'अग्निपथ' के विरोध में आज युवा संगठनों का बिहार बंद, RJD और वाम दलों का है समर्थन

सैन्य भर्ती के लिए केंद्र द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना के खिलाफ बीते तीन दिनों से देशभर में प्रदर्शन जारी है. मंगलवार को केंद्र की ओर से योजना और उससे जुड़े प्रक्रिया की घोषणा के बाद युवा सड़क पर उतर आए हैं. यूपी, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, झारखंड, जम्मू कश्मीर समेत देश के अन्य राज्यों में छात्र बीते तीन दिनों से हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं. खासकर बिहार और यूपी में युवा जमकर हंगामा कर रहे हैं. बीजेपी नेताओं पर हमले के साथ-साथ कई जगह युवाओं द्वारा ट्रेनों में आग लगाई गई है. साथ ही जमकर तोड़फोड़ और उपद्रव मचाया गया है. 

शनिवार को बिहार में युवा संगठनों ने बिहार बंद का आह्वान किया है. युवा संगठनों के आह्वान को बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी और वाम दलों का साथ मिला है. आरजेडी की ओर से कहा गया कि केंद्र की अग्‍न‍िपथ योजना से युवाओं में नाराजगी है. छात्र संगठनों ने 18 जून को ब‍िहार बंद का आह्वान किया है. छात्रों द्वारा बंद के आह्वान को महागठबंधन के नेताओं ने समर्थन देने का फैसला लिया है. 

छात्रों के बंद को लेकर आरजेडी के प्रदेश कार्यालय में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के नेतृत्व में महागठबंधन में शामिल विभिन्‍न दलों के नेताओं की बैठक हुई है. गौरतलब है कि शुक्रवार को बिहार में युवाओं ने हिंसक प्रदर्शन किया. योजना में बदलाव के बावजूद नाराज युवा हंगामा करते दिखे. बक्सर, पटना, मुंगेर, लखीसराय, समस्तीपुर, बेतिया समेत अन्य  जगहों से हंगामे की खबर सामने आई. 

सेना में भर्ती के लिए ‘अग्निपथ' योजना के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन जारी रहा. इसके तहत तेलंगाना के सिकंदराबाद में पुलिस की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई. आक्रोशित युवाओं के प्रदर्शन के दौरान कई ट्रेनों में आग लगा दी गई, निजी, सार्वजनिक वाहनों, रेलवे स्टेशन में तोड़फोड़ की गई और राजमार्गों तथा रेलवे लाइन को अवरूद्ध कर दिया गया.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने भर्ती योजना को लेकर पैदा चिंताओं को दूर करने की कोशिश की लेकिन आक्रोशित युवाओं ने ईंट-पत्थर, लाठियां लिए हुए कई जगह रेलवे परिसर में बवाल मचाया और विभिन्न शहरों, कस्बों में राजमार्गों को अवरूद्ध कर दिया.

रेलवे अधिकारियों ने कहा कि 340 ट्रेन का परिचालन प्रभावित हुआ और अब तक 234 ट्रेन रद्द की जा चुकी हैं. अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारी अब तक सात ट्रेनों के डिब्बों को आग लगा चुके हैं. प्रदर्शनकारियों ने पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) जोन में तीन चलती ट्रेनों के डिब्बों और उसी जोन के कुल्हरिया में एक खाली बोगी को क्षतिग्रस्त कर दिया. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बलिया में धुलाई के लिये कतार में खड़ी एक ट्रेन की एक बोगी को भी नुकसान पहुंचाया गया. ईसीआर जोन में अब तक 64 ट्रेन को गंतव्य से पहले ही रोक दिया गया है.

उत्तर प्रदेश से लेकर तेलंगाना और बिहार से लेकर मध्य प्रदेश तक, देश के विभिन्न हिस्सों में आक्रोशित युवाओं की भीड़ ने ईंट-पत्थर फेंके. वहीं, राजनाथ सिंह, अमित शाह और थल सेना प्रमुख ने भर्ती योजना को लेकर पैदा चिंताओं को दूर करने की कोशिश की लेकिन थोड़ी ही सफलता मिली.

सिकंदराबाद और बिहार के लखीसराय, समस्तीपुर में ट्रेन की खिड़कियों से आग की लपटें निकल रही थीं, जिससे आसमान में काले धुएं के घने बादल फैल गए जो कई किलोमीटर दूर से देखे जा सकते थे. देश भर के कई रेलवे स्टेशन पर भीड़ ने पथराव करते हुए तोड़फोड़ की. दंगा रोधी उपकरणों से लैस पुलिसकर्मियों को प्रदर्शनकारियों का पीछा करते देखा गया जिनमें से सैकड़ों को पकड़ा गया. प्रदर्शनकारियों ने बक्सर, भागलपुर और समस्तीपुर में कई स्थानों पर टायर जलाकर राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया.

रेलवे की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के अलावा बेतिया में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के घर पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया. भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल के बेतिया स्थित आवास में भी तोड़फोड़ की गई. जायसवाल ने कहा कि उन्होंने कई हमलावरों की पहचान की है जो सेना में भर्ती के इच्छुक उम्मीदवार नहीं थे और वे उनके परिसर को उड़ाने के इरादे से आए थे.

हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर बिहार में पुलिस को 12 जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बंद करना पड़ा. उत्तर प्रदेश के बलिया में युवाओं ने ‘‘भारत माता की जय'' और ‘‘अग्निपथ वापस लो'' जैसे नारे लगाए और एक खाली ट्रेन में आग लगा दी व कुछ अन्य ट्रेनों में तोड़फोड़ की, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया. वाराणसी, फिरोजाबाद और अमेठी में भी विरोध प्रदर्शन हुए, जिससे सरकारी बसों और अन्य सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचा.

मध्य प्रदेश के इंदौर, हरियाणा के नरवाना और पश्चिम बंगाल तथा झारखंड में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए. सेना में भर्ती के आकांक्षी युवाओं ने सड़कों पर टायर जलाए और कुछ युवा नरवाना में रेल पटरी पर बैठ गए तथा जींद-बठिंडा रेल मार्ग को अवरुद्ध किया. पलवल में हिंसक विरोध के बाद, हरियाणा सरकार ने एहतियात के तौर पर फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ इलाके में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को 24 घंटे के लिए रोक दिया है। हरियाणा के हिसार, फतेहाबाद और झज्जर में भी विरोध प्रदर्शन हुए. राष्ट्रीय राजधानी में अपेक्षाकृत शांति रही लेकिन वाम-संबद्ध ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के सदस्यों के प्रदर्शनों के बाद मेट्रो यात्रा प्रभावित हुई। दिल्ली मेट्रो के कुछ स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद करने पड़े.