फिजिकल पास कर लिखित की तैयारी कर रहा था राकेश, पुलिस की गोली का हुआ शिकार
एक दिन पहले घर से निकलने से पहले दामोदर राकेश ने माता-पिता से कहा, वह किसी जरूरी काम से आर्मी ऑफिस जा रहा है. शुक्रवार को उसके घरवालों को पुलिस ने कॉल किया, आपका बेटा नहीं रहा. अत्यंत ही गरीब परिवार से आने वाला राकेश फिजिकल पास कर आर्मी की लिखित परीक्षा की तैयारी कर रहा था. किसे पता था कि आर्मी की परीक्षा को लेकर हो रहे आंदोलन में ही उसकी जान चली जाएगी.
सेना में भर्ती के नए नियमों के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में एक छात्र की जान चली गई. पुलिस की गोलीबारी में उसकी मृत्यु हो गई. उसकी पहचान दामोदर राकेश के रूप में की गई है. वह 23 साल का था. वह सेना में भर्ती की तैयारी कर रहा था.
पुलिस ने बताया कि वह बीए फाइनल का छात्र था. हनुमाकोंडा में वह पढ़ाई कर रहा था. छह महीने पहले आर्मी भर्ती के लिए हुई रैली में वह क्वालीफाई कर चुका था. वह लिखित परीक्षा की तैयारी कर रहा था. एक दिन पहले ही वह हैदराबाद आया था. पुलिस ने यह भी बताया कि राकेश की बहन बीएसएफ में है.
पुलिस ने जानकारी दी कि घर से निकलने से पहले उसने माता-पिता को बताया कि वह किसी जरूरी काम से आर्मी ऑफिस जा रहा है. पुलिस के अनुसार वह अत्यंत गरीब परिवार से था. मूलरूप से वह वारंगल का रहने वाला था. खानपुरम मंडल के दाबिर पेटा में उसका गांव है. उसकी दो बहनें हैं. उसकी मां का नाम पूलम्मा और पिता का नाम कुमार स्वामी है.
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर उपद्रव करने वाले प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए गोलीबारी की, जहां प्रदर्शन के दौरान एक ट्रेन के तीन डिब्बों को आग लगा दी गई थी. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि गोलीबारी आरपीएफ ने की. कई छात्र घायल भी हुए. घायलों का इलाज राजकीय गांधी अस्पताल में चल रहा है. दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने तीन यात्री ट्रेन के कुछ डिब्बों में आग लगा दी लेकिन इन घटनाओं में कोई यात्री हताहत नहीं हुआ. अधिकारी ने बताया कि वहां एक घटना (गोलीबारी की) हुई, उन्हें (प्रदर्शनकारियों को) नियंत्रित करने के लिए गोलियां भी चलानी पड़ी. प्रदर्शनकारी करीब 300 से 350 की संख्या में थे.
तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी एवं उद्योग मंत्री के. टी. रामाराव ने शुक्रवार को कहा कि यह आंदोलन देश में बेरोजगारी की समस्या को दर्शाता है. केटीआर ने ट्वीट किया कि इस अग्निवीर योजना के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन देश में बेरोजगारी के संकट की भयावहता को दर्शाते हैं और ये (लोगों की) आंखें खोलते हैं. उन्होंने कहा कि पहले देश के किसान के साथ खिलवाड़ और अब अब देश के जवान के साथ खिलवाड़. केटीआर ने कहा -एक रैंक-एक पेंशन से प्रस्तावित कोई रैंक नहीं-कोई पेंशन नहीं तक.