आयोग की समझाइश पर पति पत्नी एकसाथ रहने हुए तैयार आयोग द्वारा कराई जाएगी सुलहनामा पति हुआ गिरफ्तार- पति को बचाने के लिए पत्नी ने की आयोग में झूठी शिकायत, प्रकरण हुआ नस्तीबद्ध

आयोग द्वारा समाज प्रमुखों को दी गयी जिम्मेदारी-समाज की बैठक कर आवेदिका पत्नी और बच्चों को दिलाये उनका हक

आयोग की समझाइश पर पति पत्नी एकसाथ रहने हुए तैयार आयोग द्वारा कराई जाएगी सुलहनामा  पति हुआ गिरफ्तार- पति को बचाने के लिए पत्नी ने की आयोग में झूठी शिकायत, प्रकरण हुआ नस्तीबद्ध

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्यगण डॉ अनीता रावटे,  अर्चना उपाध्याय ने आज शास्त्री चौक स्थित राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की। 
         आज एक प्रकरण में आवेदिका संविदा कर्मचारी है। आवेदिका ने 5 माह से वेतन नही मिलने और सेवा से निकाल दिये जाने की शिकायत आयोग में प्रस्तुत की है। अनावेदक ने आयोग को बताया कि मनरेगा के ऑडिट कार्य के लिए वेतन केन्द्र सरकार से आता है।बजट आते ही  आवेदिका का 5 माह का वेतन दे दिया जाएगा। केन्द्र सरकार से अभी पहली किस्त कुछ दिनों में आने वाली है। राशि प्राप्त होते ही 15 दिवस के अंदर आवेदिका के 5 माह का वेतन देकर उसकी सूचना आयोग को देने पर इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया जा सकेगा। इसी तरह एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के पति जो दैनिक वेतनभोगी के रूप में कार्यरत थे। आवेदिका पत्नी ने पति को उनके कार्य का वेतन 2 लाख 79 हजार 8 सौ 74 रुपये अब तक नही दिए जाने की  शिकायत आयोग में प्रस्तुत किया। आवेदिका के पति ने बताया कि आयोग  में शिकायत करने के बाद अनावेदिका को नोटिस मिलने पश्चात 70 हजार रुपये दिया गया है। अनावेदिकागण ने  विधिवत दस्तावेज की प्रति दिलाने के लिए आयोग से निवेदन किये हैं। जिसपर आयोग ने तत्काल आवेदिका के शिकायत आवेदन को दिया है और  इस प्रकरण से संबंधित समस्त कार्यवाही करने की अनुशंसा आयोग द्वारा किया गया है।जिससे इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा।

   एक अन्य प्रकरण में पति पत्नी को आयोग द्वारा समझाइश दिए जाने पर आपसी समझौते से एकसाथ रहने तैयार हुए। दोनो का  4 वर्ष का पुत्र भी है जो आवेदिका और आवेदिका के भाई के साथ रहता है। अनावेदक पति अपने दीदी जीजा के साथ रहता है। आवेदिका के भाई व अनावेदक के दीदी जीजा दोनो पक्ष इनकी मदद करेंगे। परन्तु दोनो पक्ष अपना आपसी तालमेल बैठाने हेतु कुछ समय साथ बिताना आवश्यक है ताकि इनका दाम्पत्य जीवन सही रहे और आपस मे तालमेल बना सके। अनावेदक पति आगामी सुनवाई में आवेदिका के साथ रायसुमारी कर दोनो स्वतंत्र निर्णय लेकर तय करेंगे जिससे पति पत्नी अपना दाम्पत्य जीवन की नई शुरुआत बेहतर तालमेल के साथ शुरू करने के निर्देश के साथ दोनो के मध्य लिखित शर्ते तैयार कर सुलहनामा कराया जाएगा। जिससे इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने पति के खिलाफ शिकायत की है कि पति ने बिना तलाक लिये चूड़ी प्रथा से दूसरा विवाह किया है। इस विवाह का सामाजिक मान्यता देने में समाज के 23 लोग के साथ अपने पति और सौतन के विरूद्ध आयोग में शिकायत की है। यह सभी सामाजिक बैठक करके बिना तलाक लिये दूसरी शादी कराने के वैधानिक और सामाजिक दोषी है। जिस पर समाज प्रमुखों ने समर्थन किया कि हमने दोनों पक्षों को बैठाकर एक साथ रहने का समझाइश दिया था। आयोग के समक्ष आवेदिका ने निवेदन किया कि मेरे बच्चों के लिये अनावेदक पति के जो सम्पत्ति है उसमें से हमें बंटवारा चाहिये। जिस पर आयोग द्वारा अनावेदकगण को समझाइश दिया कि पति से आवेदिका को सम्पत्ति से बंटवारा करवाने की कार्यवाही करें अन्यथा आवेदिका स्वतंत्र होगी कि अनावेदकगण के विरुद्ध चाहे तो वह पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवा सकती है। इस प्रकरण में समाज प्रमुखों की ओर से पांच सदस्य गांव के समाज की बैठक कर पति-पत्नी और बच्चे के मध्य सम्पत्ति का बंटवारानामा की कार्यवाही कर आगामी सुनवाई में उपस्थित होने कहा गया। जिससे इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा।

एक अन्य प्रकरण में अनावेदक पुलिस निरीक्षक ने आयोग के समक्ष उप पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया है जिसमे लिखा है कि आवेदिका के पति के विरुद्ध धारा 354, 452, 506 का अपराध पंजीबद्ध हुआ है। जिसपर आवेदिका के पति को गिरफ्तार भी किया गया है उसके 23 दिन बाद पति को गिरफ्तारी से बचाने के लिए आवेदिका ने आयोग में झूठी शिकायत की है। उप पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट और प्रकरण न्यायालय में होने के कारण इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

 आज जनसुनवाई में 31 प्रकरण रखे गए थे जिसमें 7 प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया है।