सदगुरु धाम आश्रम गौरखेड़ा में तीन दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव
सदगुरु धाम आश्रम गौरखेड़ा में तीन दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव वृक्षारोपण, सुंदरकांड और यज्ञ के साथ प्रारंभ हुआ प्रथम दिवस के कार्यक्रम में समय के सद्गुरु स्वामी श्री कृष्णानंद जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में भक्तों को गुरु और शिष्य के संबंध में समझाया और बताया की प्रेम का उच्चतम शिखर यदि कोई है तो वह गुरु गोविंद से शिष्य का प्रेम है, हम अपने असामान्य जीवन में प्रेम को और प्रेम के महत्व को भूलते जा रहे हैं जिसके वजह से मनुष्य भांति भांति के समस्या, अवसाद और तनाव से घिर रहा है क्योंकि वह प्रेम के स्रोत से कटता जा रहा है स्वामी जी ने बताया की प्रेम का स्रोत कहीं और नहीं हमारे अंतर में हैं और वही अंतर्यात्रा कराने के लिए गुरु इशारा करता है , मार्गदर्शन करता है|
स्वामी जी कबीर साहब की वाणी और संतों की वाणी के माध्यम से निरंतर समझाते आ रहे हैं कि गुरु वह है जो शिष्य को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाएं, स्वामी जी ने गुरु अमरदास जी की कथा के माध्यम से समझाया कि जब शिष्य की भक्ति और गुरु प्रेम प्रगाढ़ हो जाता है तो शिष्य को अपने किए हुए कर्म वह उसके मिटने की चिंता नहीं होती अपितु वह जितने बार भी कर्म करता है वह उसे गुरु चरणों में पुष्पांजलि की तरह अर्पण कर देता है कार्यक्रम में भक्तों ने श्री राम कथा का श्रवण किया जिसमें परिवार और परिवार से परमात्मा तक की यात्रा के बारे में समझा आचार्य संतोष शर्मा जी ने बताया कि 28 जून को कार्यक्रम दोपहर 2:00 बजे से शुरू होगा व गुरु पूर्णिमा महोत्सव की पूर्णाहुति 29 जून गुरुवार को गुरु पादुका पूजन के साथ और महाभंडारे के साथ होगी उसी दिन ही ब्रह्म दीक्षा से भी भक्तगण लाभान्वित होंगे|