आदिवासी नृत्य महोत्सव कहीं बन जाए कोरोना की तीसरी लहर! बीजेपी ने आयोजन पर उठाए सवाल

आदिवासी नृत्य महोत्सव कहीं बन जाए कोरोना की तीसरी लहर! बीजेपी ने आयोजन पर उठाए सवाल

पूरे प्रदेश में इन दिनों आदिवासी नृत्य महोत्सव की धूम है. इस नृत्य महोत्सव में देश-विदेश के कलाकार शामिल होंगे. यह आयोजन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में होने जा रहा है जिसमें हजारों की संख्या में लोग जमा होंगे. जानकारों का कहना है कि कोरोना के बीच होने वाला यह आयोजन आने वाले समय में प्रदेश वासियों के लिए घातक साबित हो सकता है. इतनी बड़ी संख्या में देश-विदेश से लोग राजधानी रायपुर में जमा होंगे तो हो सकता है कि कोरोना का असर भी नृत्य महोत्सव समाप्त होते-होते दिखने लगे.

पूर्व में जब कोरोना छत्तीसगढ़ में नाम मात्र का था. उस दौरान राज्य सरकार के द्वारा रोड सेफ्टी क्रिकेट मैच का आयोजन कराया गया. इसमें देश-विदेश के खिलाड़ी रायपुर पहुंचे थे. इस आयोजन को देखने हजारों की संख्या में प्रदेश, देश और विदेश के लोग स्टेडियम पहुंचे थे. मैच के बाद प्रदेश में जिस तरह से कोरोना ने अपना पांव पसारा, वह किसी से छुपा हुआ नहीं है. आलम यह था कि लोग उपचार के लिए अस्पतालों में भटक रहे थे. सरकारी और निजी अस्पताल पूरी तरह भर चुके थे.

जमीन पर भी मरीजों को लेटने के लिए जगह नहीं बचा था. यही वजह है कि जिस तरह से देश के दूसरे राज्यों और विदेशों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए छत्तीसगढ़ में भी कोरोना का अंदेशा बना हुआ है. इस बात को भाजपा भी कहती नजर आ रही है कि आदिवासी नृत्य महोत्सव के बाद छत्तीसगढ़ में वैसी स्थिति निर्मित ना हो जाए जो रोड सेफ्टी क्रिकेट मैच   आयोजन के बाद हुआ था. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि कोरोना को लेकर राज्य सरकार गंभीर नहीं है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 15 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. बावजूद सरकार नहीं चेत रही है. इसके पहले भी क्रिकेट मैच का आयोजन के कारण हजारों की संख्या में बाहर से विदेशी आए थे. जिससे संक्रमण काफी तेजी से फैला. यहां पर कई लोगों की जान गई. प्रदेश में टीकाकरण का कार्य पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है. ऐसे समय आदिवासी नृत्य  करने का क्या फायदा है? किस बात का जश्न राज्य सरकार मना रही है. प्रदेश से आदिवासी लोग पलायन कर रहे हैं. किसानों की मौत हो रही है. लोगों के पास रोजगार नहीं है. सरकार ब्रांडिंग से बाज नहीं आ रही है.

ना के बराबर है कोरोना
कांग्रेस (Congress) का कहना है कि वर्तमान में प्रदेश में केरोना ना के बराबर है और यही वजह है कि कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए यह आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि कोरोना को लेकर लगातार बैठा नहीं जा सकता. सारे काम शुरू हो गए हैं. केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही इस आयोजन को किया जा रहा है. रायपुर में 5 मार्च से 21 मार्च 2021 के बीच रोड सेफ्टी टूर्नामेंट का आयोजन किया गया. जिसमें 6 देशों के खिलाड़ियों ने भाग लिया. इसमें सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, ब्रायन लारा, जोंटी रोड्स, केविन पीटरसन जैसे कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने मैच खेले.

पूर्व मुख्यमंत्री ने साधा था निशाना

कुल 15 मैच हुए और हजारों की संख्या में दर्शक पूरे छत्तीसगढ़ से ही नहीं, बल्कि देश के अन्य राज्यों सहित विदेश से रायपुर पहुंचे. इतनी भीड़ के कारण यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ. जोश में दर्शक पूरे समय मास्क को निकाले रहे. इसका नतीजा यह हुआ कि टूर्नामेंट समाप्त होते ही राजधानी रायपुर में तेजी से कोरोना संक्रमितो की संख्या बढ़ी. बाद में यह संक्रमण प्रदेश के दूसरे जिलों में भी फैल गया. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी क्रिकेट के आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधा था. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था, 'छत्तीसगढ़ सब याद रखेगा भूपेश जी. देश जब कोरोना से लड़ने की तैयारी कर रहा था, आप रोड सेफ्टी क्रिकेट मैच कराकर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे थे. पूरे देश में वैक्सीनेशन हो रहा था. आप राजनीति कर रहे थे. लोग अस्पतालों में बैठ कर दवाइयों के लिए रो रहे थे. आप असम में नाच रहे थे.'

कई खिलाड़ी भी हुए थे संक्रमित
रोड सेफ्टी मैच के बाद कई दिग्गज क्रिकेटर कोरोना संक्रमित हुए थे. इसमें मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, यूसुफ पठान, इरफान पठान और एस बद्रीनाथ शामिल थे. भारतीय टीम (इंडिया लेजेंड्स) का नेतृत्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर कर रहे थे. हालांकि यह टूर्नामेंट बायो-सिक्योर बबल में खेला गया था लेकिन स्टेडियम में दर्शकों के आने की अनुमति थी. इस टूर्नामेंट के बाद तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए राजधानी रायपुर में 9 अप्रैल से 19 अप्रैल 2021 तक के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया था.

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के पिछले आंकड़ों को देखते हुए वर्तमान में होने वाले आदिवासी नृत्य महोत्सव पर भी सवाल उठने लगे हैं. यदि इस महोत्सव के बाद प्रदेश में कोरोना ने पैर पसारा तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? जब कोरोना देश के अन्य राज्यों सहित विदेशों में तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में राज्य के बाहर के लोगों को रायपुर बुलाकर इस आयोजन को कराना कितना लाभदायक और कितना घातक होगा? इसका पता तो आदिवासी नृत्य महोत्सव के समाप्त होने के बाद ही चलेगा लेकिन इस आयोजन को लेकर अब विपक्ष आमने-सामने है.