संसद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन, आज पेश होगा कृषि कानून वापसी बिल- 10 बड़ी बातें
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन आज कृषि कानून को निरस्त करने के लिए विधेयक को लोकसभा में पेश करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है. इसे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पेश करेंगे.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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शीतकालीन सत्र की 19 बैठकों में केंद्र सरकार 36 विधायी विधेयक और एक वित्त विधेयक पेश कर सकती है.
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कृषि कानून को निरस्त करने के लिए विधेयक को पहले दिन लोकसभा में पेश करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है. इसे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पेश करेंगे. सत्ता में मौजूद भाजपा और विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने अपने सांसदों के उपस्थित रहने के लिए आज व्हिप जारी किया है.
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इस सत्र में कई अन्य महत्वपूर्ण बिलों विधेयकों को भी पारित कराया जाएगा. इनमें क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक भी शामिल हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हुए. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने परंपरा के उल्लंघन से इनकार करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री की सर्वदलीय बैठक में शामिल होने की कोई परंपरा नहीं थी. इसकी शुरुआत मोदीजी ने की थी."
राज्यसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वे प्रधानमंत्री के शामिल होने की उम्मीद कर रहे थे. उन्होंने कहा, "हम कृषि कानूनों के बारे में और पूछना चाहते थे क्योंकि कुछ आशंकाएं हैं कि ये तीन कानून फिर से किसी और रूप में आ सकते हैं."
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बैठक में कल 31 दलों ने शिरकत की. हालांकि आम आदमी पार्टी ने बैठक के बीच में ही वॉकआउट कर दिया. पार्टी के संजय सिंह ने कहा कि उन्हें बोलने की अनुमति नहीं है.
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प्रहलाद जोशी ने कहा कि सरकार नियमों के तहत किसी भी मुद्दे पर सदन के पटल पर चर्चा करने के लिए हमेशा तैयार है. जोशी ने सभी दलों से सदन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सहयोग का भी अनुरोध किया.
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मेघालय से लोकसभा की सांसद और नेशनल पीपुल्स पार्टी की अगाथा संगमा ने सरकार से संसद के आगामी सत्र में नागरिकता संशोधन अधिनियम को निरस्त करने का अनुरोध किया.
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तेजी से विस्तार कर रही तृणमूल कांग्रेस ने शीतकालीन सत्र से पहले आश्वासन दिया कि वह एकजुट विपक्ष का हिस्सा बनी रहेगी.
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तृणमूल के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने कहा, "RJD, DMK और CPM के बीच अंतर है. वे सभी कांग्रेस के चुनावी सहयोगी हैं. NCP-शिवसेना और JMM कांग्रेस के साथ सरकार चलाते हैं. कांग्रेस हमारी चुनावी सहयोगी नहीं है और न ही हम उनके साथ सरकार चला रहे हैं. यही अंतर है."