नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2021 की रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा के मामले में पिछड़ा

कोरोना में स्कूल बंद रहने का असर स्कूल शिक्षा पर पड़ा है. नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2021 की रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ काफी पिछड़ गया है.

नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2021 की रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा के मामले में पिछड़ा

देशभर में करवाए गए नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2021 की रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा के मामले में 30 राज्यों से पिछड़ गया है. स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों की सीखने की क्षमता को परखने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की तरफ से नवंबर 2021 में सर्वे करवाया गया था. सर्वे रिपोर्ट आने के बाद छत्तीसगढ़ के गुणवत्ता को लेकर विपक्ष ने भी सवाल खड़े किए हैं. सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ के बच्चे सभी प्रमुख विषय जैसे गणित, भाषा, अंग्रेजी विज्ञान, पर्यावरण जैसे विषयों में राष्ट्रीय औसत अंक से काफी कम अंक हासिल किए हैं. 

नेशनल अचीवर सर्वे पिछले साल नवंबर के महीने में करवाया गया था. सर्वे छत्तीसगढ़ के लगभग 1 लाख 15हजार से अधिक बच्चों पर किया था. रिपोर्ट आने के बाद इसे लेकर सियासत शुरू हो गई है. छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री और विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने मौजूदा स्कूल शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम को बर्खास्त करने की बात कही है. बृजमोहन अग्रवाल ने निशाना साधते हुए कहा कि "कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था बिगड़ गई है. स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम पर कांग्रेस के विधायक ने ही लेन-देन का आरोप लगाया है. ऐसे में प्रदेश के बेहतर शिक्षा व्यवस्था की क्या उम्मीद की जा सकती है".

पहले किए गए सर्वे में भी छत्तीसगढ़ का स्थान पीछे ही था. बाद में तत्कालीन भाजपा सरकार के दौरान डॉ एपीजे अब्दुल कलाम अभियान चलाया गया था. जिसके तहत अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने स्कूलों की मॉनिटरिंग की थी. उसके बाद साल 2017 के सर्वे में सुधार हुआ था. पिछली बार छत्तीसगढ़ देश भर में 18वें स्थान पर था. पिछले बार का सर्वे कक्षा तीसरी, पांचवी और आठवीं स्तर के बच्चों का स्तर जांचने के लिए किया गया था. इस बार का सर्वे कक्षा तीसरी, पांचवी, आठवीं और दसवीं के बच्चों के शैक्षणिक स्तर जांचने के लिए किया गया है.

भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों ने सभी प्रमुख प्रमुख विषयों में राष्ट्रीय औसत से कम अंक हासिल किए हैं. प्रदेश के कक्षा तीसरी के बच्चों की रिपोर्ट की बात की जाए तो भाषा में 500 अंक में से औसतन 301 अंक मिले हैं जबकि देश का औसत अंक 323 है. इसमें प्रदेश 34 स्थान पर है. गणित में प्रदेश के छात्रों को औसतन 283 अंक मिले हैं. जबकि प्रदेश का राष्ट्रीय औसत अंक 306 है. देशभर में 32वां स्थान मिला. पर्यावरण में छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों को 289 अंक मिले हैं. जबकि राष्ट्रीय औसत अंक 307 है. देश में 34 वां स्थान है.

कक्षा पांचवी के सर्वे रिपोर्ट के बाद की जाए तो छत्तीसगढ़ के कक्षा पांचवी के विद्यार्थियों को कुल 500 अंक में से भाषा में 295 अंक हासिल हुए हैं. जबकि राष्ट्रीय औसत 309 अंक है. 34 वां स्थान मिला है. इसी तरह गणित में 266 अंक प्राप्त हुए हैं जबकि राष्ट्रीय औसत अंक 284 है 34वां स्थान है. पर्यावरण विषय में छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों को 269 अंक मिले हैं जबकि राष्ट्रीय औसत अंक 284 है.

कक्षा आठवीं के सर्वे रिपोर्ट की बात की जाए तो छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों को कुल 500 अंक में भाषा में 295 अंक मिले हैं. जबकि राष्ट्रीय औसत अंक 302 है. पर्यावरण विषय में प्रदेश को 269 अंक मिले हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत अंक 284 है. गणित विषय में प्रदेश के विद्यार्थियों को 237 अंक हासिल हुए हैं जबकि राष्ट्रीय औसत अंक 255 है.इसी तरह सामाजिक विज्ञान में 284 अंक हासिल हुए हैं.राष्ट्रीय औसत अंक 255 है. विज्ञान विषय में 241 अंक मिले है. राष्ट्रीय औसतन 250 है.

कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों के सर्वे रिपोर्ट की बात की जाए 500 अंकों में छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों को गणित विषय में कुल 202 अंक मिले हैं. राष्ट्रीय औसत अंक 220 है. देश में 31 वां स्थान. अंग्रेजी विषय की बात की जाए तो छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों को 257 अंक हासिल हुए हैं. जबकि राष्ट्रीय औसत अंक 277 है. देश में 36 वां स्थान मिला है. सामाजिक विज्ञान विषय में प्रदेश के विद्यार्थियों को 216 अंक मिले है. जबकि राष्ट्रीय औसत अंक 231 है. 36 वां स्थान मिला है. विज्ञान विषय में प्रदेश के विद्यार्थियों को 189 अंक मिले हैं जबकि राष्ट्रीय औसत अंक 206 है. देश में 36 वां स्थान मिला है.

शिक्षा मंत्रालय द्वारा देश के कुल 1 लाख 24 हजार स्कूलों में पढ़ाई करने वाले 38 लाख 87 हजार स्कूली बच्चों का सर्वे किया गया था. इनमें छत्तीसगढ़ से 4481 स्कूलों के 1 लाख 15 हजार 995 स्कूली बच्चों ने सर्वे में सहभागिता की थी.

भाषा विषय में हिंदी में पैराग्राफ पढ़कर समझना और उत्तर देना था.

पर्यावरण और विज्ञान विषय में विज्ञान से संबंधित सवाल और पर्यावरण की समझ के बारे में पूछ गया

सामाजिक विज्ञान विषय में भूगोल के सवाल और मानचित्र आधारित सवाल पूछे गए थे.

गणित विषय में जोड़, घटाना, गुणा भाग, आकृति तर्क वाले सवाल और ज्यामिति के सवाल पूछे गए थे

स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला का कहना है "कोरोना संक्रमण काल में स्थिति अच्छी नहीं थी. देश भर में सभी स्कूल बंद थे. इसी कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई. हमारे द्वारा भी राज्य में अपना अलग सर्वे करवाया गया था. हमारे द्वारा जिलेवार सर्वे करवाया गया था. जिसकी रिपोर्ट सभी से साझा की गई थी. कोरोना संक्रमण के कारण पढ़ाई में असर हुआ है. 15 जून से प्रदेश में सभी स्कूल खुलने वाले हैं. हमारा प्रयास रहेगा कि बच्चों के शैक्षणिक स्तर में सुधार किया जाए, बच्चों के रिवीजन और बच्चों की पढ़ाई अच्छे से हो, इस दिशा में काम किया जाएगा.