कांग्रेस राज में अपराधियों के हौसले बुलंद और बेबस है पुलिस - बृजमोहन बृजमोहन ने पुलिस प्रशासन से कहा, रायपुर को चाकुपुर बना रखा है, वर्दी की लाज तो रखिए।

कांग्रेस राज में अपराधियों के हौसले बुलंद और बेबस है पुलिस - बृजमोहन   बृजमोहन ने पुलिस प्रशासन से कहा, रायपुर को चाकुपुर बना रखा है, वर्दी की लाज तो रखिए।

रायपुर/02/04/2023/ छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद रायपुर की पुलिस आज जितनी बेबस लाचार है उतनी कभी नहीं रही। हत्या, हत्या के प्रयास चोरी, तस्करी, नशाखोरी इस मात्रा में बड़ी हुई है कि आम लोगों का अब जीना दूभर हो गया है। चाकूबाजी तो यहां आम घटना हो गई है। सरेराह कोई भी चाकू चलाता, खून बहाता निकल जाता है। राजधानी रायपुर का तो नाम ही लोग अब चाकूपुर कहने लगे हैं। 

जबकि राजधानी की पुलिस को सख्त होना चाहिए। अपराधियों पर नकेल कसी जानी चाहिए। बावजूद अपराधियों को देखकर ही पुलिस के कदम पीछे हो रहे हैं।
घर में घुसकर मिर्च पाउडर आंख में डालकर लूट की जा रही है। 15 दिनों में 50 चोरियां घरों में तथा 1 महीने के भीतर रायपुर में 50 से ज्यादा दुपहिया गाड़ियों की चोरी हो गई है। हाल ही में महिला थाना के सामने सौंदर्यकरण के लिए लगे हुए पोल तक चोर उखाड़ ले गए हैं। 
सवाल यही है आखिर रायपुर पुलिस कर क्या रही है? या तो अपराधियों को सरकारी संरक्षण हैं या फिर पुलिस से मिलीभगत है? वरना डंके की चोट पर राजधानी रायपुर में इस तरह की घटनाएं निरंतर घटती रहे यह समझ से परे है।

किसी भी प्रदेश की राजधानी को सबसे सुरक्षित माना जाता है परंतु हमारा रायपुर देश के सबसे असुरक्षित शहर के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। लगातार घट रहे अपराध को लेकर हम जनप्रतिनिधि ही नहीं आम जनता भी बेहद चिंतित है।

 हम लगातार कांग्रेस सरकार को इस दिशा में आगाह भी करते हैं। विधानसभा सत्र में भी हमने सरकार को कटघरे में खड़ा किया। बावजूद उन्हे रत्ती भर भी फर्क नही पड़ता। पुलिस की कार्यप्रणाली जस की तस है। ऐसा प्रतीत होता है मानो भूपेश सरकार ने जनता के प्रति अपनी जवाबदेही से हाथ पीछे खींच लिया हो। रही बात पुलिस की तो रायपुर की पुलिस केवल राजनीतिक मामलों में कांग्रेस सरकार को खुश करने के लिए अपनी सक्रियता दिखाती है। आम लोगों के साथ घट रही गंभीर घटनाएं उनके लिए आम हो गई है। गजब है रायपुर की पुलिस। अपनी वर्दी की तो लाज रख लेते।