आभार सम्मेलन : साइंस कॉलेज मैदान, रायपुर

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सरकार द्वारा किये गए कार्यों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया अधिकारियों ने

- सरकार ने 10 हजार 7 सौ गौठान स्वीकृत किए गए थे,  जिसमें 10 हजार एक गौठान बनाए जा चुके हैं।

- कोटवार और पटेल गांव में प्रथम कड़ी के रूप में कार्य करते रहे हैं, जनगणना जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में भी कोटवार और पटेलों के सहभागिता रही।

कानून व्यवस्था के संबंध में भी गांव से संबंधित महत्वपूर्ण सूचना कोटवारों और पटेल के माध्यम से प्राप्त होती रही है।

कोटवारों के मानदेय के लिए 56 करोड़ से अधिक की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल गौठान के माध्यम से आर्थिक तरक्की की राह को आसान बनाने वाले गौठान प्रबंधन समिति के सदस्यों के मानदेय वितरण का शुभारंभ किया।

अशासकीय सदस्यों और अध्यक्षों के मानदेय की राशि वितरण का हुआ शुभारंभ।

निलजा गौठान समिति के अध्यक्ष श्री घनश्याम वर्मा ने कहा कि गौठान बनने से हमारे गौवंशीय गौठान में सुरक्षित हैं और वे अब फसलों को नुकसान भी नहीं पहुंचा रहे हैं।

आज गौठान में किसान गोबर और गोमूत्र को बेचकर स्वावलंबी हो रहे हैं। महिला स्व सहायता समूह आज वहां बाड़ी, वर्मी खाद, मुर्गी पालन , मछली पालन और अन्य गतिविधि का संचालन कर रहे हैं।

महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा आज हमारे गौठान में 18 सौ क्विंटल वर्मी खाद का उत्पादन हो चुका है और पूरा 18 सौ क्विंटल खाद की बिक्री हो चुकी है।

21 सौ लीटर गोमूत्र की खरीदी हुई है, 900 लीटर ब्रह्मास्त्र बना कर हमने बिक्री कर चुके जिससे हमारे स्व-सहायता समूह को ₹6 लाख रुपए की आमदनी हुई।

गौठान में आयमूलक गतिविधियों के संचालन से हुई आठ लाख रुपए की आय

चारामा से आए श्री सरजू प्रसाद ने बताया कि उनका गौठान 2020 में शुरू हुआ, जो गांव से तीन किलोमीटर की दूरी पर है, जहां मुर्गी पालन, अंडा उत्पादन और गोबर से पेंट बनाने का कार्य किया जा रहा है।

इन सभी गतिविधियों से आठ लाख रुपए की आमदनी हुई है। मिनी राइस मिल और ऐश ब्रिक निर्माण का भी कार्य शुरू किया जा रहा है।

किसानों को स्वावलंबी बनाने के लिए ये योजनाएं बहुत महत्वपूर्ण है। हमारे गरीब किसान, कर्मचारी, व्यापारी सभी वर्ग को ऐसे मुख्यमंत्री मिले हैं जो सभी के हितों का ध्यान रखते हैं।

पशुओं को सुरक्षा मिल रही है, आमदनी का रास्ता भी खुला

गौठान समिति रवेली के अध्यक्ष श्री बृजराज वर्मा ने बताया कि गौठान योजना लागू होने से पहले आवारा पशु सड़कों पर घूमते थे। गोबर का उचित संग्रहण नहीं हो पा रहा था, परंतु इस योजना से न केवल पशुओं को सुरक्षा मिल रही है बल्कि आमदनी का रास्ता भी खुला है। श्री वर्मा ने योजना को महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री का आभार जताया।

प्रत्येक वर्गों से मिलकर, उनकी समस्याओं का करते हैं निराकरण

कोटवारों संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री प्रेम किशोर बाघ ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गौठानों के माध्यम से गोबर एवं पशुपालकों का मान बढ़ाया है।

श्री बाघ ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रत्येक विधानसभा में जाकर भेंट-मुलाकात करते हैं और वहां के प्रत्येक वर्गों से मिलकर, उनकी समस्याओं को जानकर उनका निराकरण करते हैं। नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी से उन्होंने प्रदेश को पहचान दिलायी है। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताया।