बस्तर की 12 सीटों पर पुराने विधायकों को ही टिकट दे सकती है कांग्रेस
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावके लिए कुछ ही महीने बाकी रह गए हैं. बीजेपी ने अपनी पहली सूची में 21 विधानसभा सीटों में अपने प्रत्याशियों के नाम तय कर दिए हैं. सत्तारूढ़ कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची का इंतजार है. बताया जा रहा है कि आने वाले 2 से 3 दिनों में कांग्रेस भी अपनी पहली प्रत्याशियों की सूची जारी कर सकती है और इन सूची में वे चेहरे भी शामिल हैं जो वर्तमान में विधायक और प्रदेश के मंत्री हैं.
बस्तर के 12 विधानसभा सीटों में प्रत्याशियों की सूची का इंतजार है. कहते हैं कि प्रदेश में सत्ता पाने का रास्ता बस्तर से ही तय होता है. बस्तर संभाग के 12 विधानसभा सीटों में बीजेपी और कांग्रेस की नजर रहती है, यही वजह है कि प्रथम चरण के चुनाव में बस्तर में इन 12 सीटों में जीत हासिल करने के लिए सभी राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंक देते हैं.
इन पर दोबारा दांव खेलेगी कांग्रेस
इन सीटों में प्रत्याशियों के चयन के लिए भी बीजेपी और कांग्रेस को काफी माथा-पच्ची भी करनी पड़ती है, हालांकि बीजेपी ने यहां की 2 विधानसभा सीटों में अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं. कांग्रेस भी कुछ ही दिनों में प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने वाली है, और इसमें बस्तर के प्रत्याशियों के नाम भी शामिल हैं. बस्तर के राजनीतिक मामलों के जानकार संजीव पचौरी बताते हैं कि इन 12 सीटों में कांग्रेस ने लगभग नाम तय कर लिए हैं, जिनमें वर्तमान के विधायक भी शामिल हैं जो अपने क्षेत्र में काफी अच्छी पकड़ रखे हुए हैं. ऐसे में इन्हें दोबारा टिकट मिलने की पूरी संभावना बनी हुई है.
इन नेताओं के नाम पर सबसे ज्यादा चर्चा
कांग्रेस हाईकमान की तरफ से कांकेर से शिशुपाल सोरी, केशकाल से संतराम नेताम ,भानुप्रतापपुर से सावित्री मंडावी, अंतागढ़ से अनूप नाग, कोंडागांव से मोहन मरकाम, नारायणपुर से चंदन कश्यप, बस्तर से लखेश्वर बघेल, बीजापुर से विक्रम मंडावी, कोंटा से कवासी लखमा और दंतेवाड़ा में स्वर्गीय महेंद्र कर्मा के बेटे छविंद्र कर्मा को टिकट मिलने की संभावना बनी हुई है. इसके अलावा चित्रकोट विधानसभा से राजमन बेंजाम और जगदलपुर विधानसभा से रेखचंद जैन को ही दोबारा मौका मिल सकता है. एक-दो सीटों को छोड़ दें तो कांग्रेस अपने पुराने चेहरे को बदलने में रुचि नहीं ले रही है.