बाल विवाह मुक्त करने जिले में लगातार चल रही कार्यवाही
बेमेतरा कलेक्टर रणबीर शर्मा के आदेशानुसार जिले में बाल विवाह मुक्त करने हेतु संयुक्त टीम जिले में लगातार कार्यवाही कर रही है। इसी क्रम में 23 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार को चाइल्ड हेल्पलाईन न. 1098 जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग को विकासखण्ड बेरला के ग्राम-आनंदगाव, तह-बेरला की एक बालिका का बाल विवाह की जानकारी प्राप्त हुई थी, जानकारी के आधार पर चन्द्रबेश सिंह सिसोदिया जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं सी.पी. शर्मा महिला एवं बाल विकास अधिकारी के निर्देशानुसार जिला बाल संरक्षण अधिकारी व्योम श्रीवास्तव एवं बेरला परियोजना अधिकारी विद्यानंद बोरकर के मार्गदर्शन में बाल विवाह के रोकथाम हेतु कार्यवाही की गयी। उक्त ग्राम के पात्रे परिवार के एक बालिका का बाल विवाह होने जा रहा था। बाल विवाह किये जाने की सूचना पर चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग एवं पुलिस विभाग के संयुक्त टीम द्वारा बाल विवाह रोकवाया गया। शिकायत प्राप्त होने पर आनंदगांव में पात्रे परिवार में बाल विवाह रुकवाया गया। उक्त बालिका से कुसमी (बहेरा) निवासी एक 28 वर्षीय युवक से विवाह होने जा रहा था। सूचना के पश्चात टीम द्वारा बालिका एवं वर युवक के परिवार जनों के समक्ष कार्यवाही किया गया। बालिका एवं वर युवक के परिजनों के द्वारा निर्धारित आयु पूर्ण होने के उपरांत ही विवाह किये जाने हेतु अपनी सहमति प्रदान की गई तथा विवाह स्थगित करने की बात कही गई, युवक के परिजनों के कथन अनुसार हमें यह ज्ञात नहीं था कि वर्तमान में मौजूदा कानून के तहत 18 वर्ष से कम आयु की बालिका एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालक का विवाह गैर कानूनी है।
टीम द्वारा समझाईस दिये जाने पर वर पक्ष द्वारा उक्त बालक का विवाह वर्तमान में मौजूदा कानून के तहत विवाह किये जाने की शपथ पूर्वक कथन किया गया। संयुक्त टीम द्वारा उन्हे बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 में उल्लेखित प्रावधानों के बारे में बताया गया कि निर्धारित आयु पूर्ण होने के पूर्व विवाह करवाना अपराध है, जो भी व्यक्ति यथाः बाल विवाह कराने वाले वर एवं वधु के माता-पिता, सगे-संबंधी, बाराती, विवाह कराने वाले पुरोहित, बैंड बाजा, हलवाई एवं टैट वालों पर मी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। जो व्यक्ति ऐसा करता या कराता है या विवाह में सहयोग प्रदान करता है. तो उसे भी 02 वर्ष तक कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख रू. तक हो सकता है अथवा दोनो से दण्डित किया जा सकता है।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों के अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला अधिकारी एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी को बालक विवाह प्रतिषेध अधिकारी घोषित किया गया है। बाल विवाह की सूचना अनुविभागीय दण्डाधिकारी, पुलिस थाने में महिला एवं बाल विकास विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी / कर्मचारी / आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सरपंच, कोटवार आदि को दी जा सकती है। इस कानून के अनुसार बाल विवाह के बंधन में आने वाले बालक/बालिका को अपना विवाह शून्य घोषित कराने का अधिकार है। बाल विवाह की जानकारी प्राप्त होने की स्थिति में चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 में या विभागीय मो. न. 8319141116, 8269844404 पर सूचित किया जा सकता है।