न्यू एजुकेशन पॉलिसी नई सोच नई उम्मीद - महाविद्यालयीन छत्तीसगढ़ अतिथि व्याख्याता महासंघ
माननीय मुख्यमंत्री जी के दिशा-निर्देश पर उच्च शिक्षा विभाग के सचिव द्वारा विभिन्न संगठनों के प्रमुख जिसमें छत्तीसगढ़ महाविद्यालयीन अतिथि व्याख्याता भी सम्मिलित होकर भिन्न-भिन्न होने वाले समस्याओं को अवगत काराये जिसमें मुख्य रूप से एक निश्चित मासिक वेतनमान निर्धारित करते हुए जाब सुरक्षा की मांग सम्मिलित है जिसे विभागीय अधिकारियों के द्वारा सकारात्मक सोच मानते हुए बेहतर करने की बात कही लंबे समय से महाविद्यालयीन छत्तीसगढ़ अतिथि व्याख्याता महासंघ जाब सुरक्षा को लेकर ज्ञापन देते आ रहे हैं एवं नियमित रूप से प्रदेश के हर एक महाविद्यालय में शिक्षा की बागडोर संभालते हुए नित नए आयाम पर शिक्षा को पहुंचा रहे हैं.
इसी सत्र से सरकार के द्वारा न्यू एजुकेशन पॉलिसी लागू होने पर हर एक अतिथि व्याख्याता अपनी जिम्मेदारियां को बेहतर तरह से निर्वहन करने के लिए तैयार है लेकिन बिना जाब सुरक्षा के भविष्य अंधकार में नजर आता है और उम्र निकालने के बाद अतिथि व्याख्याता जाए तो जाए कहां हमें लोक सेवा आयोग के द्वारा पदस्थापन होने से निकाल दिए जाते हैं. उम्र के इस पड़ाव पर हम अपने घर परिवार का भरण पोषण कैसे करें यह भय सताती रहती है
इस संबंध में विभागीय मंत्री सहित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कई कई बार ज्ञापन दिए जा चुके हैं लेकिन जाब सुरक्षा को लेकर कोई पहल नहीं किए गए. महाविद्यालयीन छत्तीसगढ़ अतिथि व्याख्याता महासंघ पंजीयन क्रमांक 1 2 2 0 1 4 1 804, मंत्री महोदय एवं अधिकारियों से निवेदन करती है कि हमें जॉब सुरक्षा प्रदान कर भविष्य सुरक्षित करें ताकि हम दिए गए विभागीय दायित्वों को निष्ठा पूर्वक निर्वहन करते हुए उच्च शिक्षा को नित नये आयाम तक पहुंचा सके.
यह निवेदन महासंघ के अध्यक्ष-महेंद्र शिवारे एवं अन्य पदाधिकारी जिसमें प्रेमचंद देवांगन डॉक्टर अशीषधर दीवान डॉक्टर, डॉक्टर हेमंत सिरमौर, डॉ अजय शर्मा, सत्य प्रकाश खडबंदे, संतोष देवांगन,रविंद्र सिंह एवं सलाहकार समिति के डॉक्टर प्रवीण कुमार गुप्ता, डॉक्टर देवदत्त शर्मा, डॉक्टर दीपक चंद्राकर, डॉक्टर सुबोध देवांगन, डॉक्टर संतोष तिवारी, रामनारायण खूंटे, सुरेंद्र पटले एवं अन्य के द्वारा किए गए.