कोरोना के दौरान अस्पतालों को किए गए भुगतान में भारी अनियमितता

कोरोना के दौरान अस्पतालों को किए गए भुगतान में भारी अनियमितता

कोरोना के दौरान ओडिशा के अस्पतालों को हुए भुगतान को लेकर एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। दरअसल, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) को कोविड-19 महामारी के दौरान ओडिशा में स्थापित कोरोना के इलाज के लिए बनाए गए निजी कोविड देखभाल अस्पतालों (डीसीएच) को दिए गए भुगतान में कुछ अनियमितताएं मिली हैं।  शनिवार को राज्य विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट में यह दावा किया गया। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सीएजी ने कहा कि ओडिशा सरकार ने अप्रैल 2020 में निजी अस्पतालों द्वारा प्रबंधित डीसीएच के संचालन के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे। 

सीएजी ने जब खुर्दा और कटक जिलों में स्थित 18 डीसीएच के दस्तावेजों की जांच की। इस जांच में पता चला कि कोविड-19 महामारी की पहली दो लहरों में इन 18 डीसीएच में 51,967 कोविड रोगियों का इलाज किया गया था। इतने लोगों के इलाज पर 724.50 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।

कैग ने बताया कि ऑडिट के दौरान पता चला कि दस्तावेजों की बिना उचित जांच या सत्यापन के बिना भुगतान के लिए बिल पारित कर दिया गया। इसके अलावा, बुनियादी दस्तावेजों के सत्यापन के बिना डीसीएच को 144.88 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। 

इसी तरह, ऑडिटर को खुर्दा और कटक जिलों में 10 निजी डीसीएच को पीपीई किट की आपूर्ति में 2.73 करोड़ रुपये की अनियमितताएं मिलीं। साथ ही डीसीएच में कार्य कर रहे डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए आहार भत्ते के लिए 2.85 करोड़ रुपये का भी अधिक भुगतान किया गया।  फिलहाल, राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने मामले में उचित कार्रवाई और मामले की जांच करने के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया है।