जैतुसाव मठ में रामनवमी : श्रीराम को लगेगा मालपुआ का विशेष भोग
रायपुर के जैतूसाव मठ में रामनवमी की विशेष तैयारी की जा रही है. तैयारियों में इस बार मालपुआ का प्रसाद बनाया जा रहा है.
राजधानी के पुरानी बस्ती स्थित जैतूसाव मठ में रामनवमी अवसर पर हर साल मालपुआ बनाया जाता है. मालपुआ को भगवान को अर्पित करने के बाद इसको प्रसाद के रूप में भक्तों को वितरण किया जाता है. लेकिन कोरोना की वजह से पिछले 2 साल से मालपुआ नहीं बनाया जा रहा था. लेकिन इस साल कोरोना की रफ्तार कम होने के कारण रामनवमी पर्व में मालपुआ बनाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं, मालपुआ बनाने का काम 10 अप्रैल तक होगा.
पुरानी बस्ती स्थित जैतुसाव मठ के पहले महंत लक्ष्मी नारायण दास के समय सन 1916 में रामनवमी और कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मालपुआ बनाने का काम शुरू किया गया था. जो आज तक निरंतर चल रहा है. वर्तमान में महंत के रूप में जैतूसाव मठ में राम सुंदर दास जी हैं. राम नवमी के अवसर पर इस साल 11 क्विंटल की सामग्री का मालपुआ बनाने का कार्य किया जा रहा है. इस काम में शुक्रवार से लेकर रविवार तक 15 मजदूर लगातार काम करेंगे. रामनवमी के दिन रविवार को भगवान श्रीराम को राजभोग आरती के बाद सोमवार की दोपहर भक्तों को प्रसाद के रूप में मालपुआ का वितरण होगा.
मालपुआ बनाने में शक्कर, गेहूं का आटा, सूखा मेवा, काली मिर्च, मोटा सौफ का उपयोग किया जाता है. मालपुआ को बनाने के लिए लगभग 15 कर्मचारी लगे हुए हैं. जो भट्टी काम करने के साथ ही दूसरे काम कर रहे हैं . मालपुआ को तेल और घी में छाना जाता है. मालपुआ छनने के बाद उसे सुखाया जाता है. सूखने के बाद रविवार की देर रात भगवान श्रीराम को भोग लगाने और अर्पित करने के बाद ही इसका वितरण होगा.