नहीं रहे विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी, हार्ट अटैक से निधन

नहीं रहे विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी, हार्ट अटैक से निधन

 छत्तीसगढ़ विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी का हार्ट अटैक से निधन हो गया है। मंडावी छत्तीसगढ़ के बड़े राजनेता माने जाते है। वे भानुप्रतापपुर के विधायक भी थे। मनोज मंडावी की गिनती प्रदेश के बड़े आदिवासी नेता के रुप में होती थी। उन्होंने हमेशा जनहित कार्यों में विशेष रुचि दिखाई। आदिवासी समाज की अस्मिता को बचाने में मनोंज सिंह मंडावी ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका जाना ना केवल भानुप्रतापुर बल्कि छत्तीसगढ़ की राजनीति के लिए बढ़ी क्षति है।

विधायक मनोज मंडावी के निधन से पूरे प्रदेश में शोक की लहर फैल गई है, आज उनका हार्ट अटैक से निधन हो गया है, उन्होंने धमतरी के बठेना अस्पताल में अंतिम सांस ली है।

 विधायक मनोज मंडावी के निधन से पूरे प्रदेश में शोक की लहर फैल गई है, आज उनका हार्ट अटैक से निधन हो गया है, उन्होंने धमतरी के बठेना अस्पताल में अंतिम सांस ली है। विधायक मनोज मंडावी छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष थे। उनके निधन पर सीएम भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, विधायक सत्य नारायण शर्मा, मंत्री कवासी लखमा समेत कई नेताओं ने दुख जताया है। पहले भी मजोज मंडावी को अटैक आ चुका था, लेकिन आज जो अटैक आया उसने उनकी जान ही ले ली।

छत्तीसगढ़ विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के निधन पर CM भूपेश बघेल ने गहरा दुख प्रकट किया है। CM ने कहा- मंडावी वरिष्ठ आदिवासी नेता थे, उन्होंने नवगठित छत्तीसगढ़ के गृह राज्यमंत्री- विधानसभा उपाध्यक्ष सहित अनेक महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया, उनका जाना संगठन के लिए बड़ी छति है।

छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा कि हमारे वरिष्ठ नेता मजोन मंडावी के निधन से पार्टी को बहुत छति पहुंची है, वे बहुत ही बेबाकी से खुलकर बात करते थे, वे सुनने वाले को कैसा लगेगा यह नहीं सोचते थे वे एक निडर नेता था, सही बात कहने से नहीं डरते थे, वे हर समुदाय के प्रिय थे, जमीन से जुड़े नेता थे, सभी वर्गों से उनका संबंध था। पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा है कि हमने एक बहुत ही अनुभवी नेता खो दिया है।

वहीं मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि यह खबर बहुत ही दुखद है, मनोज मंडावी ने आदिवासियों के ​लिए बहुत कुछ काम किया है, वे एक ​ऐसे विधायक थे जिनका सभी सम्मान करते थे, वे हमारे साथी भी रहे, उनका निधन प्रदेश के लिए आदिवासियों के बड़ा नुकसान है।

मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि वे उनका निधन बहुत ही मन को दुखी करने वाला है, उनके दो छोटे बच्चे है मैं उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं हमने अपना साथी खो दिया है, वे हमारे एक वरिष्ठ नेता थे, उन्होंने क्षेत्र और आदिवासियों के लिए बहुत कुछ किया है।

मनोज मंडावी छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे हैं, उनके निधन पर विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा है कि वे बहुत ही लोकप्रिय थे उनका इस तरह से जाना बहुत दुखद है।

कुछ ऐसा रहा राजनीतिक सफर

साल 1998 में पहली बार म.प्र. विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए, इसके अलावा वे वरिष्ठ उपाध्यक्ष युवा कांग्रेस म.प्र. और महासचिव, युवा कांग्रेस, म.प्र. भी रहे।

1998-2000 में सदस्य. एस.सी. एस. टी. परिवहन आदिवासी मंत्रणा समिति मध्यप्रदेश शासन रहे।

साल 2000 में राज्यमंत्री गृह, जेल परिवहन, लोक निर्माण, नगरीय प्रशासन, विधि विधायी आवास, विमानन अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ आदिवासी विकास परिषद भी रहे।

2013 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए,

2014-2015 में सदस्य, विशेषाधिकार समिति, छ.ग. विधानसभा बने।

2015-2016 में सदस्य, गैर सरकारी सदस्यों के विधेयकों तथा संकल्पों संबंधी समिति, छ.ग. विधानसभा बने।

2017-2018 में सदस्य प्रत्यायुक्त विधान समिति, पत्र एवं संदर्भ समिति छ.ग. विधान रहे।

2018 में तीसरी बार छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।

2018-2019 में सदस्य, सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति पटल पर रखे गये पत्रों के परीक्षण करने संबंधी समिति, छ.ग. विधानसभा में बने।

2019-2020 में सभापति प्राक्कलन समिति, छ.ग. विधान सभा रहे।

2019 से वे उपाध्यक्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा के निर्वाचित हुए।

2020-21 में विशेष आमंत्रित सदस्य कार्य मंत्रणा समिति, छत्तीसगढ़ विधानसभा।