कांग्रेस की बैठक में कार्यकर्ताओं ने जताई नाराजगी !

रायपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की बैठक हुई. इस मीटिंग में कार्यकर्ताओं ने अपनी भड़ास निकाली. कार्यकर्ताओं ने पार्टी के बड़े नेताओं, विधायकों और मंत्री पर उपेक्षा का आरोप लगाया. इस बैठक में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया मौजूद थे.

कांग्रेस की बैठक में कार्यकर्ताओं ने जताई नाराजगी !

रायपुर में कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठक हुई. इस मीटिंग में कांग्रेस पदाधिकारियों का गुस्सा जनप्रतिनिधियों पर फूटा. यह मीटिंग रायपुर के राजीव भवन में हो रही थी. इस मीटिंग में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम सहित तमाम प्रदेश के पदाधिकारी मौजूद थे. इस दौरान पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं ने अपनी नाराजगी जताई. बैठक में एक के बाद एक कार्यकर्ताओं ने अपनी बात रखी.

'जब जिला अध्यक्षों के द्वारा संगठन और सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाए जाने को लेकर कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि "जो उन्होंने बातें कही है वह सबके सामने है. वह अपने अनुभव के हिसाब से बातें कहते हैं. लेकिन यह जरूरी नहीं है कि वह सभी बातें सही हो." इस बैठक के दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने तो यहां तक कह दिया कि इसी उपेक्षा के चलते अजीत जोगी और रमन सिंह की सरकार चली गई थी.

संगठन को इस बात पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. नाराजगी की वजह उपेक्षा है. जिन कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के दम पर नेता पदासीन हुए हैं. आज उन्ही कार्यकर्ताओं की घोर उपेक्षा की जा रही है. जानकारी तो यह भी आ रही है कि इस बैठक के दौरान पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने जमकर अपनी भड़ास निकाली. उन्होंने कहा कि निगम-मंडलों में 2200 नियुक्तियां होनी थी. लेकिन यह 400 पर रोक दी गई. नियुक्तियां होती हैं. मगर कार्यकर्ताओं से पूछा तक नहीं जाता.

 इस बैठक के दौरान एक जिला अध्यक्ष ने तो यह तक कह दिया कि अजीत जोगी की सरकार क्यों गई थी? रमन सिंह चाउर वाले बाबा कहलाते थे, मोबाइल बांटे फिर भी उनकी सरकार क्यों गई? यह सब कार्यकर्ताओं के असंतोष की वजह से हुआ. यदि यह बातें नहीं समझी गई तो बिगड़ेगा आपका. आप लोग जो ऊपर बैठे हैं, बिगड़ेगा उनका जो मंत्री हैं. हमारा क्या है हम तो कार्यकर्ता हैं. कुछ कार्यकर्ताओं ने विधायकों पर भी जमकर भड़ास निकालते हुए कहा कि विधायक भी पदाधिकारियों की नहीं सुनते और तो और मिलने तक का समय नहीं दिया जाता.