प्रियंका गांधी ने लगाया घोटाले का आरोप
अयोध्या जमीन विवाद पर प्रियंका गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. उन्होंने कहा, जमीन के कुछ टुकड़े कम मूल्य के थे और ट्रस्ट को बहुत अधिक कीमत पर बेचे गए थे. इसका मतलब है कि चंदा के जरिए जो पैसा इकट्ठा हुआ है, उसमें घोटाला है.
अयोध्या जमीन विवाद को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. उन्होंने कहा, देश के लगभग हर घर ने राम मंदिर ट्रस्ट को कुछ न कुछ दान दिया है. घर-घर जाकर प्रचार भी किया गया. यह भक्ति की बात है और इसके साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
उन्होंने कहा, दलितों की जमीन के टुकड़े, जिन्हें खरीदा नहीं जा सकता था, हड़प लिया गया. जमीन के कुछ टुकड़े कम मूल्य के थे और ट्रस्ट को बहुत अधिक कीमत पर बेचे गए थे. इसका मतलब है कि चंदा के जरिए जो पैसा इकट्ठा हुआ है, उसमें घोटाला है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के निकट जमीन की खरीद में घोटाला होने और मंदिर ट्रस्ट के पैसे का दुरुपयोग किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय को इसका स्वत: संज्ञान लेना चाहिए और शीर्ष अदालत के स्तर पर इसकी जांच होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, यूपी सरकार ने कहा कि वे जांच के आदेश दे रहे हैं. इसकी जांच कौन कर रहा है? इसकी जांच जिला अधिकारियों के स्तर पर की जा रही है. उन्होंने कहा कि जिला अधिकारियों द्वारा की जाने वाली जांच एक छलावा है. राम मंदिर ट्रस्ट का गठन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर किया गया था. इसलिए, इसकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा जांच की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की नैतिक जिम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक की है.
प्रियंका ने कुछ भूखंड के कथित सौदों का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया, भाजपा के नेता और अधिकारी जमीन की लूट में लगे हैं. राम मंदिर ट्रस्ट के पैसे का दुरुपयोग भाजपा, आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के नेताओं तथा अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है.
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, भगवान राम मर्यादा और नैतिकता के प्रतीक हैं. वह (भाजपा) भगवान के नाम पर भी भ्रष्टाचार कर रही है. पूरे देश की आस्था को चोट पहुंचा रही है.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय को इस मामले में स्वत: संज्ञान लेना चाहिए.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के नाम पर सारी मान-मर्यादा को ताक पर रख कर राम मंदिर के चंदे की लूट का खेल खेला जा रहा है पर साफ है कि इसे दरकिनार कर भाजपा नेताओं, उनके मित्रों व राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के नुमाइंदों द्वारा चंदे की लूट का यह खेल मोदी-आदित्यनाथ सरकारों की सरपरस्ती में खेला जा रहा है.
उन्होंने दावा किया, 2 करोड़ रुपये की ज़मीन को राममंदिर निर्माण ट्रस्ट को 26.50 करोड़ रुपये में बेचा गया, क्या इससे बड़ा मंदिर की चंदा चोरी का कोई सबूत हो सकता है!
एक सवाल के जवाब में सुरजेवाला ने कहा कि इस मामले में कानूनी कदम उठाने पर भी विचार होगा, लेकिन जनता की अदालत में इसकी लड़ाई पुरजोर तरीके से लड़ी जाएगी.
राज्य सरकार ने भाजपा नेताओं और सरकारी अधिकारियों के रिश्तेदारों द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के पास कथित तौर पर जमीन हड़पने की खबरों की जांच के आदेश दिए हैं.
इस मामले पर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने कहा था, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व विभाग को मामले की गहनता से जांच करने का आदेश दिया है.
एक खबर में दावा किया गया है कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में उच्चतम न्यायालय के फैसले से राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद अयोध्या में विधायकों, महापौरों और आयुक्त, सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट तथा पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) के रिश्तेदारों ने जमीन खरीदी.