छत्तीसगढ़ में नए सत्र से खुल रही साढ़े 6 हजार बालवाड़ी, नौनिहालों को खेल-खेल में मिलेगी शिक्षा
छत्तीसगढ़ में नए सत्र से बालवाड़ी खुल रही है. जिसमें छोटे बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा देकर क्लास वन के लिए तैयार किया जाएगा
छत्तीसगढ़ में अब नौनिहालों को खेल-खेल में शिक्षा दी जाएगी. इसके लिए प्रदेश में बालवाड़ी खोलने की तैयारी शुरु हो गई है. नए शिक्षा सत्र से बालवाड़ी में नौनिहालों को शिक्षा मिलना भी शुरू हो जाएगा. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक प्रथम चरण में कुल साढ़े छह हजार बालवाड़ी खोले जाएंगे. नई शिक्षा नीति में भी नौनिहालों की शिक्षा और शिक्षा स्तर में सुधार के लिए प्रावधान है. इसी के तहत छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से नई पहल की जा रही थी. जिसे कई बैठकों के बाद हरी झंडी दे दी गई है.
छत्तीसगढ़ में 3 से 6 साल के आयु वर्ग के बच्चों के लिए ऐसे स्थानों पर प्ले स्कूल बालवाड़ी की स्थापना की जाएगी. जहां आंगनबाड़ी और प्राइमरी स्कूल एक ही प्रांगण में हो. प्रथम चरण में ऐसी 6 हजार से अधिक बालवाड़ी शुरू की जा रही है. स्कूल शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक ऐसे केंद्रों की संख्या 6536 है. जहां प्राथमिक शाला और आंगनबाड़ी एक साथ स्थित है. नए शिक्षा सत्र से इन बालवाड़ी में दाखिले के लिए प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. दूसरी ओर एससीईआरटी ने बच्चों के लिए बाल वाटिका गतिविधि पुस्तिका भी तैयार कर ली है
विभागीय जानकारी के मुताबिक बच्चों की पढ़ाई लिखाई में मन लगा रहे, इसके लिए राज्य सरकार रेडिनेस प्रोग्राम की शुरुआत की है. इसी के तहत बालवाड़ी की शुरुआत की जा रही है. जिसमें बच्चों को खेल खेल में शिक्षा दी जाएगी. साथ ही पहली कक्षा में जाने के लिए मनोवैज्ञानिक ढंग से नौनिहालों को तैयार किया जाएगा. किसी विषय के प्रति अरुचि ना हो और हर एक विषय में पढ़ाई के प्रति ललक पैदा करने की कोशिश की जाएगी. यह सब बालवाड़ी के शिक्षक खेल-खेल में कराएंगे. इसके लिए शिक्षकों को भी विशेष ट्रेनिंग दी गई है.
एससीईआरटी के संचालक राजेश राणा ने बताया कि 'नई शिक्षा नीति के तहत ऐसे बच्चे जो आंगनबाड़ी के आखिरी साल में होते हैं. उनके लिए आवश्यक रूप से एक प्री स्कूल मॉडल तैयार करने का निर्णय लिया गया है. इसी के उपलक्ष्य में बालवाड़ी का संचालन किया जाना है. इसमें निर्णय लिया गया है कि आगामी सत्र 15 जून के बाद से इसका संचालन शुरू कर दिया जाएगा. इसमें प्रमुख रूप से एजेंडा यह होगा कि जो बच्चे आंगनबाड़ी से स्कूल में सीधा प्रवेश करते हैं. उनको काफी समस्याएं होती है. इन्हीं समस्यायों को दूर करने के लिए बालवाड़ी शुरू की जा रही है. यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति का ही अंग है, जो प्रदेश में मुख्यमंत्री के निर्देशन में लिया गया है, जिसका संचालन किया जाएगा.