मन मोहना

Premdeep

मन मोहना

तारों में एक तारे हैं 
जो मुझे बड़े प्यारे हैं 
जिसे देख आंखों को ठंडक
मन के ओ राज दुलारे है 
मेरी मुख मंडल पर चमक 
मुस्कान उनसे सारे हैं 
जीवन रौशन है उनसे 
मेरी संसार के सागर है 
कितनी गुणगान करूं उनकी 
कान्हा चितचोर घुंघराले है