मन मोहना
Premdeep
तारों में एक तारे हैं
जो मुझे बड़े प्यारे हैं
जिसे देख आंखों को ठंडक
मन के ओ राज दुलारे है
मेरी मुख मंडल पर चमक
मुस्कान उनसे सारे हैं
जीवन रौशन है उनसे
मेरी संसार के सागर है
कितनी गुणगान करूं उनकी
कान्हा चितचोर घुंघराले है