भूपेश बघेल ने साधा धर्मगुरू कालीचरण पर निशाना, कहा- हाफ पैंट नहीं रहा भारत का संस्कार

बालोद पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर से धर्गगुरू कालीचरण पर निशाना साधा. कालीचरण ने एक कार्यक्रम के बीच ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर विवादित बयान दे दिया. जिसके बाद धर्मगुरू कालीचरण के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. भूपेश बघेल डोंडी लोहारा विकासखंड अंतर्गत ग्राम गोडमर्रा किसान सम्मेलन में शामिल होने गए थे.

भूपेश बघेल ने साधा धर्मगुरू कालीचरण पर निशाना, कहा- हाफ पैंट नहीं रहा भारत का संस्कार

 बालोद के डोंडी लोहारा विकासखंड अंतर्गत ग्राम गोडमर्रा में किसान सम्मेलन  का आयोजन हुआ. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आयोजकों को बधाई दी. कहा कि आज राजीव के मूर्ति अनावरण का शुभ दिन है.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने धर्मगुरू कालीचरण के विवादित बयान की निंदा की. कहा कि बाल गंगाधर तिलक ने नारा दिया था. स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है. यह वो कांग्रेस महात्मा गांधी की है, जिसे हम राष्ट्रपिता कहते हैं. उनके नेतृत्व में देश को आजादी मिला. महात्मा गांधी ने किसानों के लिए छोटे नागपुर में लड़ाई लड़ी. यहां सरदार पटेल के नेतृत्व में लड़ाई लड़ी गई. पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में किसानों की लड़ाई लड़ी गई. कांग्रेस ने किसानों को सम्मान देने के लिए लड़ाई लड़ी. हथकरघा को आगे बढ़ाने के लिए महात्मा गांधी ने लड़ाई लड़ी और उसका परिणाम भी मिला.

भूपेश बघेल ने कहा कि 30 जनवरी को महात्मा गांधी की हत्या बिड़ला हाउस में कर दी गई. उन्होंने कहा कि कुछ सिरफिरे आए थे. मैंने सोचा भक्ति रस की चर्चा होगी. एक घृणित उद्देश्य से उस धर्म संसद में महात्मा गांधी का अपमान  किया गया. गांधी जी ने सब सुविधा को छोड़कर, सब त्याग कर देश की एकता-अखंडता के लिए लड़ाई लड़ी. तीन गोली खाने के बाद भी हे राम कह कर जीवन त्याग दिया. उनका अपमान और घृणित विचारधारा के व्यक्ति हत्यारे नाथू राम गोडसे के जयकारे लगाए गए. ये गुरु घासीदास की धरती है. यहां मनखे-मनखे एक समान का नारा दिया गया. ये कबीर की धरती है.

छत्तीसगढ़ के सीएम ने कहा कि हाफ पैंट पहन, काली टोपी लगाकर चलने वाले हिटलर और मुसोलिनी इनका आदर्श है. ये गांधी को क्या मानेंगे? हाफ पैंट कभी भारत का संस्कार नहीं रहा है. आज बीजेपी के खिलाफ बोल दो तो धर्म विरोधी और जो मोदी शाह के खिलाफ बोले तो राष्ट्र विरोधी. हम श्रम का सम्मान करते हुए आगे बढ़ रहे हैं. जब देश में खाने की व्यवस्था नहीं थी तब लाल रंग का गेहूं अमेरिका से आया था. इंदिरा गांधी ने दुखी मन से याचना की थी कि हरित क्रांति होना चाहिए. जिसके बाद से खेत देने का काम शुरू हुआ. सिंचाई का काम हुआ. इसके बाद से इतना अनाज उत्पादन होता है कि तीन साल भी सूखा पड़े तो कोई भूख से नहीं मरेगा.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा की दिल्ली बॉर्डर पर डेढ़ साल से किसान बैठे थे. वे किसानों को अनाज का उचित मूल्य नहीं दे पाए. हमारे यहां राज्य में किसानों को सब मिला है. समर्थन मूल्य 1940 से 1960 हो गया है. समय के साथ छत्तीसगढ़ में सबको लाभ मिल रहा है. केंद्र तो सांसदों को तनख्वाह नहीं दे पा रही थी. किसानों के लिए हम हर संभव काम कर रहे हैं.