सेवानिवृत हुए लेक्चरर बी.पी जाटवर, शिक्षा विभाग में विदाई सह सम्मान समारोह आयोजन सभी ने कहा सकारात्मक सोच, लीडरशीप, व्यक्तित्व के धनी, लगनशील, कर्मठ और सभी के सहयोगी रहे बी पी जाटवर,

सेवानिवृत हुए लेक्चरर बी.पी जाटवर, शिक्षा विभाग में विदाई सह सम्मान समारोह आयोजन   सभी ने कहा सकारात्मक सोच, लीडरशीप, व्यक्तित्व के धनी, लगनशील, कर्मठ और सभी के सहयोगी रहे बी पी जाटवर,

जशपुरनगर–

शिक्षा विभाग में कार्यरत बीपी जाटवर के सेवानिवृत होने पर विदाई सह सम्मान समारोह आयोजन किया गया. इस अवसर विभाग के समस्त अधिकारी कर्मचारी उपस्थित हुए.


जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सभाकक्ष में  बीपी जाटवर (व्याख्याता) शासकीय उ.मा.वि. सिमड़ा, विकासखंड- दुलदुला जिला-जशपुर,(छ.ग.) सहायक जिला परियोजना अधिकारी (समग्र शिक्षा) जिला परियोजना अधिकारी साक्षरता मिशन प्राधिकरण,जशपुर में बतौर सहायक शिक्षक के पद पर 01 जुलाई 1982 से 30 अप्रैल 2023 तक लगभग 41 साल तक शिक्षा विभाग एवं आदिमजाति विभाग में शिक्षकीय सेवा के साथ-साथ प्रशासनिक सेवा देकर सेवानिवृत्त हो रहे हैं जिनके विदाई सह सम्मान समारोह का आयोजन  को किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत सहायक संचालक  सरोज खलखो के द्वारा  बीपी जाटवर सर के शैक्षिक जीवन परिचय को अपनी उद्बोधन में कहीं। तत्पश्चात जिला शिक्षा अधिकारी  जे के प्रसाद ने कहा कि जशपुर आने के पूर्व से परिचित थे जाटवर जी,जब मैं डीपीआई में सहायक संचालक था और रमसा का प्रशिक्षण शाखा देखा करता था,तब मुलाकात होती थी। जिला शिक्षा अधिकारी जशपुर बनने का आदेश हुआ तो बहुत अच्छा लगा कि  जाटवर जी के साथ कार्य करने का अवसर मिलेगा।

डीएमसी  नरेन्द्र सिन्हा ने अपने उद्बोधन में कहा कि जाटवर जी कार्य के प्रति बहुत ही लगनशील,कर्मठ और चिंतनशील थे। कभी भी कहें किसी भी कार्य को स्वीकार कर लेते थे और अंजाम तक पहुँचा ही देते थे। अजय बैस ने अपने उद्बोधन में हनुमान जी की संज्ञा तक दे दी। सरीन राज द्वारा सर को सरल सहज , सफल नेतृत्वकर्ता और अच्छे  व्यक्तित्व और सकारात्मक ऊर्जा से भरे बताया गया. सैय्यद नदीम अहमद के द्वारा बताया गया कि  जाटवर सर के सानिध्य में 11साल कार्य किया पर कभी एहसास नहीं हुआ कि किसी अधिकारी के नीचे कार्य कर रहा हूँ। हमेशा गार्जियन के तौर पर सरल और सहज ही व्यवहार करते रहे। उद्बोधन का दौर घंटों भर चलता रहा।  उद्बोधन का दौर घंटों भर चलता रहा सभी अपनी-अपनी अनुभव साझा किये। माहौल गमगीन और भावुक हो चुका था। इसी कड़ी में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से सुरेश तिर्की,प्रेमलाल सिदार,नदीम अहमद,सरीन राज,जोगेंद्र यादव,रवि भगत,लालमन साय,नंदकिशोर चौहान,गिरीश सिन्हा, प्रकाश सिन्हा, रोहन सिन्हा,अभिषेक दुबे,संजू भगत, राजेन्द्र प्रेमी ने कविता के माध्यम से अपनी अनुभव साझा किये। साक्षरता मिशन की ओर से श्रीमती पुष्पा चौहान,दौलतराम किशुन राम ने भी अपनी अनुभव साझा किये और बताये कि जाटवर सर हमेशा सकारात्मक सोच के साथ कार्य करने का प्रेरणा देते थे हम आशा करते हैं आगे भी देते रहेंगे। सेवानिवृत्त सह सम्मान समारोह में जाटवर सर के साथ उनकी अर्धांगनी श्रीमती राजकुमारी जाटवर, पुत्र मनीष जाटवर उपस्थित थे। सभी उद्बोधनकर्ताओं ने जाटवर सर की उज्जवल भविष्य के साथ स्वस्थ जीवन की कामना किये। अंतिम उद्बोधन के तौर पर जाटवर सर को आमंत्रित किया गया, उन्होने अपनी उद्बोधन में कहा कि ये सम्मान समारोह आयोजन के लिए आप सभी को धन्यवाद मेरे साथ कार्य करने के दौरान मेरे से जाने-अनजाने में कुछ कठोर वचन निकला होगा तो मुझे क्षमा करेंगे। सम्मान स्वरूप श्री जाटवर सर को साल-श्रीफ़ल,गौतम बुध्द मूर्ति,पेन-डायरी के साथ "भारतीय संविधान  प्रिएम्बल" फ़ोटो फ्रेम प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन नीलकमल यादव एवं आभार प्रदर्शन राजेन्द्र प्रेमी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के समस्त अधिकारी कर्मचारीयों का विशिष्ट योगदान रहा।