मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भाषण के बीच लगे ,मुर्दाबाद के नारे ,भाषण के बीच ही बहिष्कार और खाली हो गया पूरा सभास्थल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भाषण के बीच लगे ,मुर्दाबाद के नारे ,भाषण के बीच ही बहिष्कार और खाली हो गया पूरा सभास्थल

आज जगदलपुर में लालबाग मैदान में पिछड़ा वर्ग संभागीय स्तर महासम्मेलन बस्तर संभाग का आयोजन किया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री भुपेश बघेल मुख्य अथिति के रूप में सम्मिलित हुए थे जिसमें पिछड़ा वर्ग समाज की ओर से दो महत्वपूर्ण मांगे थी जिसकी घोषणा की अपेक्षा समाज मुख्यमंत्री से कर रहा था पहली मांग थी कि बस्तर संभाग में पांचवीं अनुसूची पेशा कानून में पिछड़ा वर्ग को भी प्रतिनिधित्व देना एवं दूसरी प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के 27 % आरक्षण लागू करना ।

परंतु अपने उदबोधन के दौरान मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के द्वारा पिछड़ा वर्ग समाज की मांगों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देने पर पिछड़ा वर्ग के लोगों के धैर्य ने जवाब दे दिया और उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भ्रम पैदा करने का आरोप तथा पिछड़ा वर्ग को धोखा देने का आरोप लगाते हुए ,मुख्यमंत्री भूपेश के भाषण के दौरान ही सभा स्थल पर मुख्यमंत्री के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए जाने लगे ।

हालंकि पुलिस प्रशासन ने स्थिति बिगड़ती देख मोर्चा सम्हालने का प्रयास किया पर लोग इस कदर नाराज थे कि वो पुलिस प्रशासन के रोकने के बाद भी नहीं रुके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भाषण के बीच ही नारेबाजी कर पूरा सभास्थल खाली कर दिया ।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछड़ा वर्ग के लिए 50 लाख के भवन की भी घोषणा की पर पिछड़ा वर्ग ने इस भवन को स्वीकार करने से इंकार करते हुए अपने मुख्य मांगो को पूरा करने की मांग की ।

इस घटना पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि दोनो तरफ से कुछ गलतफहमियां हुई है जिसे शीघ्र ही बैठकर सुलझा लिया जाएगा ।इधर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के ऐसे बहिष्कार से बस्तर जिला कांग्रेस सकते में है सूत्रों के अनुसार जल्द ही इस मामले के निराकरण की रूप रही तय की जा सकती है ।

पिछड़े वर्ग के लोग काफी आक्रोशित दिखे उन्होंने कहा कि हमें मुख्यमंत्री से काफी उम्मीद थी अब यदि हमारी मांगे नहीं मानी गई तो प्रदेश भर में आंदोलन होगा आप आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी कुछ लोगों का कहना था कि मांगे ना माने जाने पर वे अगले चुनाव में नोटा का विकल्प चुनेंगे