CDS जनरल रावत का निधन : देश के जांबाज़ योद्धा के बारे में जानें कुछ खास बातें
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन से देश स्तब्ध है.
जनरल बिपिन रावत से जुड़ी 10 बातें
-
सीडीएस नियुक्त होने के पहले जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख के तौर पर भी सेवाएं दे चुके हैं. वे सेना प्रमुख के पद से रिटायर हुए थे, इसके बाद उन्हें सीडीएस (CDS) नियुक्त किया गया था. जनरल बिपिन रावत की पहचान ऐसे अफसर थे जिसे देश की ओर से जो भी जिम्मेदारी मिली, उन्होंने पूरी शिद्दत और कुशलता से उसे निभाया.
-
सीडीएस बनाए जाने से पहले बिपिन रावत ने 27वें थल सेनाध्यक्ष (Chief of Army Staff) के तौर पर सेवाएं दी थीं. आर्मी चीफ बनाए जाने से पहले उन्हें 1 सितंबर 2016 को भारतीय सेना का उप सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था.
-
जनरल बिपिन रावत को पूर्वोत्तर भारत में आतंकवाद को कम करने में अहम भूमिका निभाने का श्रेय दिया जाता है. वर्ष 2015 में म्यांमार में जो क्रास बॉर्डर ऑपरेशन आयोजित किया गया था, वह उनकी की देखरेख में संचालित हुआ था. इस ऑपरेशन में सेना ने NSCN-K के आतंकियों को करारा जवाब दिया था.
-
जनरल रावत, वर्ष 2016 की उस सर्जिकल स्ट्राइक की योजना का भी हिस्सा थे जिसमें भारतीय सेना, एलओसी के पार पीओके तक चली गई थी और पाकिस्तान के बालकोट में जैशे मोहम्मद के आतंकी शिविर पर एयर स्ट्राइक की थी.
-
जनरल बिपिन रावत, सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला, और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकसला के पूर्व छात्र थे. उन्हें दिसंबर 1978 में भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से ग्यारह गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्त किया गया था, जहां उन्हें 'स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर 'से सम्मानित किया गया था.
-
उनके पास आतंकवाद रोधी अभियानों में काम करने का 10 वर्षों का अनुभव था.जनरल रावत को उच्च ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्र, और आतंकवाद रोधी अभियानों में कमान संभालने का अनुभव था.
-
बिपिन रावत ने पूर्वी क्षेत्र में एक इन्फैंट्री बटालियन की कमान संभाली. एक राष्ट्रीय राइफल्स सेक्टर और कश्मीर घाटी में एक इन्फैंट्री डिवीजन की भी कमान उन्होंने संभाली थी.
-
रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज पाठ्यक्रम के पूर्व छात्र, जनरल बिपिन रावत, ने सेना में रहते हुए करीब चार दशक तक देश की सेवा की. इस दौरान उन्हें वीरता और विशिष्ट सेवाओं के लिए यूआईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम के साथ सम्मानित किया गया.
-
राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर जनरल रावत ने कई लेख लिखे जो विभिन्न पत्रिकाओं और प्रकाशनों में प्रकाशित हुए. उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन में एम. फिल की डिग्री हासिल की थी.
-
जनरल रावत ने मैनेजमेंट और कंप्यूटर स्टडीज में डिप्लोमा हासिल किया था. जनरल बिपिन रावत ने सैन्य मीडिया रणनीतिक अध्ययन पर अपना शोध पूरा किया था और 2011 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) से उन्हें सम्मानित किया गया था.