सीएम ने सरकारी कर्मचारियों को दी सौगात, पुरानी पेंशन स्कीम को किया लागू

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए वार्षिक बजट पेश किया. अपने बजट में सीएम बघेल ने हर सेक्टर पर धनवर्षा की. मुख्यमंत्री बघेल ने छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से पुरानी पेंशन स्कीम बहाल कर दी है. खास बात यह रही कि मुख्यमंत्री बघेल ने बजट पेश करने के लिए जिस ब्रीफकेस का इस्तेमाल किया वो चमड़े या जूट का नहीं बल्कि गोबर के बाई प्रोडक्ट से बना है.

सीएम ने सरकारी कर्मचारियों को दी सौगात, पुरानी पेंशन स्कीम को किया लागू

 इस घोषणा के बाद कर्मचारी संघों के द्वारा मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को पेंशन पुरुष और न्याय पुरूष जैसे शब्दों से नवाजा जा रहा है। कर्मचारी संघों ने मुख्यमंत्री की इस घोषणा का स्वागत करते हुए उनके प्रति अपना आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री के द्वारा विधानसभा में बजट भाषण को सुनने के लिए रायपुर के कलेक्टोरेट परिसर में सुबह से ही लोगों की भीड़ इकट्ठा थी। बड़ी स्क्रीन पर बजट भाषणा सुनते हुए जैसे ही मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पुरानी पेंशन योजना फिर से शुरू करने का एलान किया लोगों ने मुख्यमंत्री जिंदाबाद के नारे लगाते हुए गले मिलकर एक दूसरे को बधाइयां दी।
    इस मौके पर छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के मुख्य प्रवक्ता तथा छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष   विजय कुमार झा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रदेश के शासकीय सेवकों की लंबे समय से की जा रही मांग को पूरा किया है। श्री झा ने मुख्यमंत्री को प्रदेश का पेंशन पुरूष कहा। उन्होंने यह भी कहा कि पेंशन शासकीय सेवक की बुढापे का सहारा है और मुख्यमंत्री ने इसे लागू कर प्रदेश के सभी शासकीय सेवकों को बुढापे की लाठी दे दी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शासकीय सेवकों के मान सम्मान और स्वाभिमान की मांग को पूरा करने के लिए सभी अधिकारी कर्मचारी मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं। इस एक फैसले से ही मुख्यमंत्री श्री बघेल का नाम छत्तीसगढ़ के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है।
    इस मौके पर छत्तीसगढ़ सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष  विवेक दूबे ने कहा कि मुख्यमंत्री की पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा छत्तीसगढ़ के शासकीय सेवक परिवारों के लिए खुशी की सौगात लेकर आयी है। अब किसी भी शासकीय कर्मचारी या उसके परिवार को भविष्य की चिंता करने की जरूरत नहीं है। इस घोषणा से शासकीय सेवकों और उनके परिजनों का भविष्य हमेशा के लिए सुरक्षित हो गया है। श्री दूबे ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ के साढे तीन लाख से अधिक सरकारी सेवकों को सही मायने में न्याय मिला है। इस हिसाब से जहां मुख्यमंत्री ने किसानों,गरीबों,मजदूरों के लिए न्याय योजनाएं बनायी हैं वहीं अब कर्मचारियों के साथ असल न्याय करके वे प्रदेश के न्याय पुरूष भी बन गए हैं।