आदिवासियों को 32 प्रतिशत आरक्षण देने बुलाये जा रहे विधानसभा के विशेष सत्र का विरोध कर भाजपा ने अपने आरक्षण विरोधी मंसूबे को प्रदर्शित किया

आदिवासी आरक्षण के लिए बुलाये जा रहे विशेष सत्र में भाजपा की पोल खुलेगी इससे घबराई भाजपा, अब सत्र का विरोध कर रही है

आदिवासियों को 32 प्रतिशत आरक्षण देने बुलाये जा रहे विधानसभा के विशेष सत्र का विरोध कर भाजपा ने अपने आरक्षण विरोधी मंसूबे को प्रदर्शित किया

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि आदिवासी वर्ग को 32 प्रतिशत आरक्षण देने बुलाए जा रहे विधानसभा के विशेष सत्र का विरोध कर भाजपा ने अपने आदिवासी आरक्षण विरोधी मंसूबे को ही प्रदर्शित किया है। विधानसभा के विशेष सत्र में चर्चा के दौरान पूर्व रमन सरकार ने कंवर कमेटी के रिपोर्ट को न्यायालय में क्यों प्रस्तुत नहीं किया? इसका जवाब देने से बचने के लिए भाजपा विधानसभा के विशेष सत्र बुलाने का विरोध कर रही है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल का बयान भाजपा के आदिवासी आरक्षण विरोधी होने का प्रमाण है। आदिवासी समाज के सामने अब स्पष्ट हो गया आखिर रमन सरकार के दौरान आदिवासियों के 32 प्रतिशत आरक्षण के विषय को न्यायालय में मजबूती से क्यों नहीं रखा गया था क्योंकि भाजपा नहीं चाहती थी कि 32 प्रतिशत आरक्षण का अधिकार आदिवासी वर्ग को मिले।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि अभी आदिवासियों को 32 प्रतिशत आरक्षण देने विधानसभा के विशेष सत्र बुलाए जा रहे हैं और शीतकालीन सत्र के विषय पर किसी प्रकार की चर्चा नहीं हुई है। भाजपा शीतकालीन सत्र के आड़ में आदिवासी आरक्षण के लिए बुलाया जा रहे विधानसभा सत्र का विरोध कर आरएसएस भाजपा के आदिवासी आरक्षण विरोधी मंसूबे को पूरा करना चाहती है। प्रदेश के आदिवासी समाज विधानसभा के विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं और भाजपा विरोध कर रही है। भाजपा का यह चरित्र प्रदेश के आदिवासी समाज देख रहा है।