चितचोर

Premdeep

चितचोर

चितचोर चितवन मन हरण
श्याम में बसी श्याम नयन
देवकी सूत यशोदा नंदन
अधर बांसुरी गोपी मनभंजन
मेरी अरज सुनो मुरारी
प्यास थारो मोहे बनवारी
परमानंद वासुदेव निरंजन
हे मनोहर आनंद नंदन
गोपाल मोहन नटवर नागर
वामन दामोदर हे नारायण
नरोत्तम मधुसूदन श्रीधर गोसाई
हरि मुकुंद वल्लभ अनंता 
कुंज बिहारी सुदर्शन धारी 
कोटि नमन तुम्हे मेरे गिरधारी

माखन मिश्री में जो रमा बसा,
ओ है मेरा प्राण सखा।
जिनके आने से दुनिया झूमी,
कण कण में जो रचा बसा।
प्रेम की पाती पढ़ना सिखलाया,
कर्म का ज्ञान जिसने दिया बता।