गेंदबाजों ने टीम इंडिया को बनाया टी20 चैंपियन
बारबाडोस। भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टी20 विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर 11 साल का सूखा समाप्त किया। रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम का प्रदर्शन इस टूर्नामेंट में दमदार रहा और टीम ने ग्रुप चरण से लेकर फाइनल तक अपना लोहा मनवाया। भारतीय टीम खिताबी मुकाबले में एक समय अच्छी स्थिति में नहीं थी, लेकिन गेंदबाजों ने अंत में मैच बदला और टीम को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका अदा की।भारतीय टीम के इस शानदार प्रदर्शन का सबसे बड़ा श्रेय रोहित शर्मा की कप्तानी को जाता है। उनके सभी फैसले कारगर साबित हुए हैं। भारतीय टीम टी20 विश्व कप में ग्रुप-ए में शामिल थी जिसमे पाकिस्तान, आयरलैंड, अमेरिका और कनाडा भी मौजूद थे। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले भारत ने एकमात्र अभ्यास मैच बांग्लादेश के खिलाफ खेला जिसमे जीत दर्ज की। भारत ने ग्रुप चरण के अपने सभी मैच अमेरिका में खेले। भारत का टूर्नामेंट में पहला मुकाबला पांच जून को आयरलैंड के खिलाफ हुआ जिसमे टीम ने आठ विकेट से जीत दर्ज की। इसके बाद टीम का सामना चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से नौ जून को न्यूयॉर्क में था। भारतीय टीम इस मैच में सुखद स्थिति में नहीं थी, लेकिन अंत में गेंदबाजों के दमदार प्रदर्शन ने भारत पाकिस्तान को छह रन से हराने में सफल रहा। फिर टीम का सामना 12 जून को अमेरिका से हुआ जहां भारत ने सात विकेट से जीत दर्ज कर सुपर आठ चरण के लिए क्वालिफाई किया। भारत का ग्रुप चरण का अंतिम मुकाबला कनाडा से फ्लोरिडा में था जो बारिश के चलते रद्द हो गया। भारत अगले दौर के लिए वेस्टइंडीज गई जहां उसका पहला मुकाबला 20 जून को अफगानिस्तान से हुआ। भारतीय टीम ने इस मैच में शानदार प्रदर्शन करते हुए 47 रनों से जीत दर्ज की। इसके बाद टीम ने 22 जून को बांग्लादेश को 50 रनों से हराया। भारत का फिर 24 जून को वनडे विश्व कप की विजेता टीम ऑस्ट्रेलिया से मुकाबला हुआ।भारत का इस टूर्नामेंट में यह सबसे महत्वपूर्ण मुकाबला था। भारतीय टीम ने कप्तान रोहित शर्मा के दम पर यह मुकाबला 24 रनों से जीतकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। अंतिम चार में भारत का सामना गत चैंपियन इंग्लैंड से हुआ। इंग्लैंड ने ही 2022 में सेमीफाइनल में हराकर भारत का अभियान समाप्त किया था। भारत ने इसका बदला लेते हुए गत चैंपियन टीम को 68 रनों से हराकर खिताबी मुकाबले में प्रवेश किया।