छत्तीसगढ़ में रिएजेंट किट और दवा खरीदी में 750 करोड़ का घोटाला, 5 अधिकारी रिमांड पर भेजे गए जेल

रायपुर। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) की विशेष अदालत ने 5 आरोपियों को छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन (CGMSC) में करीब 700 करोड़ों के रीएजेंट खरीदी घोटाले में 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. बता दें कि 15 दिन के अंतराल में ही नियम ताक पर रखकर 3-3 सौ करोड़ की दवाइयां, किट खरीदना संदेह को जन्म दे रहा था. 28 करोड़ से अधिक किट खराब हुए. बता दें कि कांग्रेस शासनकाल में स्वास्थ्य विभाग के CGMSC ने मोक्षित कॉरपोरेशन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की राजकोष को किस तरह से खाली किया है इस पूरे मामले को लेकर 660 करोड़ रुपए के गोल-माल को लेकर भारतीय लेखा एंव लेखापरीक्षा विभाग के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) आईएएस यशवंत कुमार ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार पिंगआ को पत्र लिखा था.
एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) दो आईएएस समेत CGMSC और हेल्थ विभाग के दर्जन भर अधिकारियों को तलब कर लंबी पूछताछ करने के बाद की पांचों लोगों को देर रात गिरफ्तार किया था. इसके बाद आज सुबह ईओडब्ल्यू की विशेष अदालत में पेश किया गया. ईओडब्ल्यू की ओर से मामले की तह तक जाने के लिए आरोपियों की 15 दिन की पुलिस रिमांड मांगी थी. विशेष अदालत के न्यायधीश ने सुनवाई के बाद सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया. मामले में CGMSC के तत्कालीन प्रभारी महाप्रबंधक उपकरण एवं उप प्रबंधक क्रय एवं संचालन बसंत कुमार कौशिक, तत्कालीन बायोमेडिकल इंजीनियर छिरोध रौतिया, तत्कालीन उप प्रबंधक उपकरण कमलकांत, तत्कालीन डिप्टी डायरेक्टर स्टोर डॉ. अनिल परसाई, तत्कालीन बायोमेडिकल इंजीनियर दीपक कुमार बाँधे विशेष अदालत के फैसले के बाद अब 28 मार्च तक रिमांड पर रहेंगे.
ऐसा किया घोटाला
- ब्लड सैंपल कलेक्शन के लिए उपयोगी EDTA ट्यूब 2,352 प्रति नग की दर से खरीदा, जब कि अन्य स्थानों में इसका मूल्य मात्र 8.50 रुपये ही है. इस तरह अरबों के ट्यूब की खरीदी हुई.
- 300 करोड़ रुपये के रिएजेंट किट, एक्सपायरी डेट के नजदीक वाले खरीदे और प्रदेश के 200 से अधिक अस्पतालों में बिना मांग के ही भेज दिया. जबकि इन अस्पतालों में जांच की CBC मशीन ही नहीं थी
- फर्जी टेंडर प्रक्रिया के लिए रिकॉर्ड्स मेडिकेयर और शारदा इंडस्ट्रीज के नाम से फर्जी कंपनी बनवाई.
- बाजार में 50 हजार रुपये में मिलने वाली CBC मशीन को CGMSC ने 17-17 लख रुपये में खरीदे.
- बिना प्रशासकीय अनुमोदन के खरीदी से शासन पर 411 करोड़ रुपये की देनदारी अधिकारियों ने कर दी.