अपने बीमार बच्चे को ठीक करने के लिए चढ़ा दिया दूसरे के बच्चे की बली, डेढ़ साल बाद आरोपी गिरफ्तार

बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से रूह कंपा देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक बीमार बेटे के इलाज के लिए एक शख्स ने तंत्र-मंत्र के चक्कर में एक मासूम बच्चे की बलि चढ़ा दी। इस जघन्य हत्याकांड के आरोपी को करीब डेढ़ साल बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना न केवल तंत्र-मंत्र की अंधविश्वास भरी सोच को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे अज्ञानता और अंधभक्ति मिलकर एक निर्दोष जीवन को निगल सकती है।घटना थाना सामरीपाठ अंतर्गत ग्राम झलबासा की है। पीड़ित बिरेन्द्र नगेसिया, निवासी पारा सुलुंगडीह, सबाग ने 6 जून 2024 को शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका बेटा 1 अप्रैल 2024 को जंगल में डेरा डालने के दौरान अचानक लापता हो गया था। काफी खोजबीन के बाद भी जब बच्चा नहीं मिला, तो अज्ञात आरोपी के विरुद्ध मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की गई। जांच के दौरान मृतक के दादा और गांव के एक व्यक्ति झल्लू ने बालक की तलाश के लिए गांव के ही राजू कोरवा से तांत्रिक सहायता ली। राजू ने कहा था कि "बड़े पूजा से ही लड़का मिलेगा", लेकिन बाद में पूछताछ में बताया कि वह नशे में ऐसा बोल गया था। संदेह गहराने पर जब पुलिस ने उसे दोबारा कड़ाई से पूछताछ की, तो उसने पूरे घटनाक्रम का चौंकाने वाला सच उगल दिया।राजू कोरवा ने कबूल किया कि उसका बड़ा बेटा मिर्गी और मानसिक बीमारी से ग्रसित है। उसने महादानी देवता को खुश करने के लिए मानव बलि देने का मन बना लिया था। 1 अप्रैल 2024 को जंगल के रास्ते में अकेला दिख रहे 6 वर्षीय अजय नगेसिया को मिठाई का लालच देकर अपने घर ले गया और वहां लोहे की छुरी से उसकी बलि चढ़ा दी। इसके बाद आरोपी ने शव को नाले के पास जलाया और सिर को तीन दिन तक घर में छिपाने के बाद कपड़े में लपेटकर पास के ही नाले के किनारे दफना दिया। तहसीलदार सामरी की मौजूदगी में खुदाई कर खोपड़ीनुमा हड्डी के अवशेष बरामद किए गए। साथ ही हत्या में प्रयुक्त छुरी भी आरोपी के घर से मिली। पुलिस ने आरोपी राजू कोरवा को धारा 302, 201, 363 भादवि के तहत गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि यह मामला पूरी गंभीरता से जांच कर अभियोजन को सौंपा जाएगा।