स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के पंचायत मंत्री पद के इस्तीफे से छत्तीसगढ़ की राजनीति में हड़कंप मच गया है. बीजेपी इस मुद्दे को लपक चुकी है और प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार पर हमलावर है. पूर्व सीएम रमन सिंह ने इस पूरे मुद्दे के बहाने सीएम भूपेश बघेल पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि "टीएस सिंहदेव सरकार के दूसरे नंबर के मंत्री हैं. वह ऐसे मंत्री हैं जिन्होंने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनाने में अहम भूमिक निभाई. उनके बनाए जन घोषणा पत्र की वजह से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सत्ता वापस आ पाई. लेकिन वह आज हताश और निराश हैं. सरकार में कोई भारसाधक मंत्री को यह कहना पड़े कि मेरे धैर्य की सीमा टूट चुकी है और मैं इस पद को धारण नहीं कर सकता. इसका मतलब यह है कि सरकार में मंत्रियों और मुख्यमंत्री के बीच संवाद हीनता की स्थिति है. टीएस सिंहदेव ने प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर नाराजगी व्यक्त की है. जिस तरह से टीएस सिंहदेव ने पत्र में यह जिक्र किया है हमने जो वादा गरीबों से किया था. उसकी मंजूरी सरकार ने नहीं दी. मंत्री को अपने विभागों के कामों का अनुमोदन करने का अधिकार रहता है. लेकिन टीएस सिंहदेव के विभाग में अनुमोदन के लिए चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी निर्णय करती है. यह एक निराशा टीएस सिंहदेव के मन में है. सिंहदेव ने आरोप लगाया है कि बिना विश्वास में लिए पेसा कानून के कई बिन्दुओं को कैबिनेट में बदल दिया गया.जन घोषणा पत्र में जो वादे किए गए थे. उनका भी क्रियान्वयन नहीं हो पाया. टीएस ने अपने पत्र में भी यह जिक्र किया है षडयंत्र पूर्वक हड़ताल करवा कर मनरेगा के काम को प्रभावित किया गया. यह स्थिति छत्तीसगढ़ में सभी मंत्रियों की है .कोई हिम्मत करके इस्तीफा दे दिया है. बाकी मंत्री भी मन ही मन में आक्रोशित और नाराज हैं. एक दिन ऐसा विस्फोट होगा जैसा हमने महाराष्ट्र में देखा. जो स्थिति वहां हुई थी सारी सरकार धरी की धरी रह गई. सारे लोग बगावत में आ गए. धीरे धीरे यह स्थिति छतीसगढ़ में बनेगी".