छत्तीसगढ़ को लेने वाले 55000 करोड़ पर भाजपा क्यों चुप?

छत्तीसगढ़ को लेने वाले 55000 करोड़ पर भाजपा क्यों चुप?

पत्रकारों से चर्चा करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं ने आज पत्रकारवार्ता लेकर यह तुलना करने का प्रयास किया कि कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय से मोदी सरकार छत्तीसगढ़ को ज्यादा सहायता दे रही है। उन्होंने इस संदर्भ में कुछ भ्रामक आंकडे और गलत उदाहरण भी प्रस्तुत किया है।

मैं आपके समक्ष कुछ योजनायें और उन योजनाओं के लिये छत्तीसगढ़ को कांग्रेस की यूपीए सरकार कितनी राशि दिया था। वह बता रहा यह आंकड़े भाजपा के झूठ की पोल खोलने के लिये पर्याप्त है।

यूपीए सरकार के समय छत्तीसगढ़ को केंद्रीय सहायता

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना(मनरेगा)-यूपीए की केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को 48 अरब 8 करोड़ 86 लाख रू. दिया। शिक्षा के अधिकार-केंद्र की यूपीए सरकार ने छत्तीसगढ़ को सर्व शिक्षा अभियान के माध्यम से 23 अरब 80 करोड़ 12 लाख रू. दिया। मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम- केंद्र की यूपीए सरकार ने छत्तीसगढ़ को 50 अरब 36 करोड़ 31 लाख रू. दिया। जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीनीकरण मिशन- छत्तीसगढ़ को 4 अरब 43 करोड़ 60 लाख रू. दिया। इंदिरा आवास योजना-यूपीए की केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को 5 अरब 21 करोड़ 84 लाख रू. दिया। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एन.आर.एच.एम.)- यूपीए की केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को 11 अरब 36 करोड़ 12 लाख रू. दिया। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना-यूपीए की केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को 5 अरब 43 करोड़ 60 लाख रू. दिया। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना-यूपीए की केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को 4 अरब 43 करोड़ 60 लाख रू. दिया। एकीकृत बाल विकास सेवाएं-यूपीए की केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को 7 अरब 42 करोड़ 57 लाख रू. दिया। पिछड़ा क्षेत्रों का सहायता कोष-यूपीए की केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को 6 अरब 20 करोड़ 71 लाख रू. दिया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-यूपीए की केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को 2 अरब 40 करोड़ 55 लाख रू. दिया। राष्ट्रीय सामाजिक सहायता योजना- 48 अरब 30 करोड़ 38 लाख रू.। राष्ट्रीय कृषि बागवानी मिशन- 1 अरब 39 करोड़ रू.। संपूर्ण स्वच्छता अभियान - 144 करोड़ रू.। संजीवनी 108- 2 अरब की सहायता। जब यूपीए सरकार ने यह सहायता दिया उस समय जीएसटी प्रणाली लागू नहीं थी तब राज्यों को खुद का संग्रहण का अधिकार था वर्तमान में वैट एवं आबकारी के अलावा सारे टेक्स सेंट्रल वसूलती है ऐसे में मोदी सरकार की अपेक्षा यूपीए की सहायता ज्यादा महत्वपूर्ण थी। यूपीए ने छत्तीसगढ़ को 222 अरब 31 करोड़ 26 लाख की सहायता दी गयी, भाजपा झूठ बोल रही कि यूपीए 10 साल में मात्र 84 हजार करोड़ दिया था।

छत्तीसगढ़ को लेने वाले 55000 करोड़ पर भाजपा क्यों चुप?

भाजपा नेताओं ने मोदी और यूपीए की तुलना तो किया लेकिन आज छत्तीसगढ़ सरकार को मोदी सरकार से जो 55000 करोड़ की राशि लेना है। उस पर एक शब्द भी नहीं बोला इस चुप्पी क्यों है? भाजपा के 9 सांसद छत्तीसगढ़ की राशि को दिलाने के लिये केन्द्र पर दबाव क्यों नहीं बनाते? हाल ही में हमारा कोल लेबी का 4140 करोड़ एनपीए का 17240 करोड़ देने से मना कर दिया।

छत्तीसगढ़ को केन्द्र से 55000 करोड़ रू. की लेन दारी है। भाजपा के नेता इस कुछ नहीं बोलते। केन्द्र से कहे छत्तीसगढ़ के हक का पैसा तत्काल दे।

छत्तीसगढ़ को केन्द्र से 55000 करोड़ रू. की राशि लेनी है। जिसे मोदी सरकार नहीं दे रही है। केंद्र से बकाया राशि देने के लिये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य सरकार के द्वारा एक दर्जन से अधिक बार पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखा गया है। केंद्र के द्वारा छत्तीसगढ़ के द्वारा भेजे गये किसी भी पत्र का सकारात्मक जवाब नहीं आया। छत्तीसगढ़ सरकार ने जब कर्मचारियों के ओल्ड पेंशन स्कीम को राज्य में फिर से शुरू करने का निर्णय लिया तो कर्मचारियों के ओल्ड पेंशन स्कीम के 17240 करोड़ से अधिक राशि को राज्य को वापस करने हेतु मुख्यमंत्री ने केंद्र को पत्र लिखा उसका भी जवाब मोदी सरकार ने नहीं दिया।

मोदी सरकार ने राज्य के एक वर्ष के कुल बजट का आधे से अधिक रूपया विभिन्न मदों में रोक कर रखा है। बार-बार मांगने के बाद भी केंद्र, छत्तीसगढ़ के हक का पैसा नहीं दे रहा जिससे राज्य की योजनायें विकास प्रभावित हो रहा है। राज्य की केंद्र से कुल लेनदारी-राज्य की जीएसटी क्षतिपूर्ति का पैसा 14,000 करोड़ रू. लेना। कोयले की रायल्टी का अतिरिक्त लेबी का 4140 करोड़। सेंट्रल एक्साईज के 13,000 करोड़ रू.। प्रधानमंत्री शहरी आवास का 1500 करोड़ की दो किश्ते बकाया-3000 करोड़। खाद सब्सिडी का 3631 करोड़ रू.। मनरेगा का भुगतान-9,000 करोड़। मनरेगा तकनीकी सहायता का लंबित-350 करोड़। कुल 44121 करोड़। सीआरपीएफ बटालियन खर्च के नाम पर राज्य का 11,000 करोड़ रू. काट दिया। कुल-55,121 करोड़ रू. लेनदारी है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह आरोप है कि यूपीए सरकार ने प्रतिवर्ष 30 से 35 हजार रूपये ही छत्तीसगढ़ को दिया। ऐसे में 10 वर्ष में 3 लाख 50 हजार करोड़ दिया। ऐसे में भाजपा फिर 10 साल में मात्र 84 हजार करोड़ मिलने का दावा कैसे कर रही। भाजपा राज्य के कुल इंकम टैक्स कलेक्शन को राज्य का हिस्सा बता रही है। क्या मोदी सरकार राज्य में कलेक्शन हुई, इंकम टैक्स की राशि को पूरा छत्तीसगढ़ को दे दिये, भाजपा आंकड़ो में हेरी फेरी कर मोदी सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ के साथ किये जा रहे है। भेदभाव सौतेला व्यवहार पर पर्दा कर रही है।
पत्रकारवार्ता में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नितिन भंसाली, सचिव अजय साहू उपस्थित थे।