दंतेवाड़ा का दर्द: उफनते नाले में महज 30 रुपये के लिए जिंदगी दांव पर
दंतेवाडा में एक जान की कीमत तीस रूपये है. ये सुनकर आपको आश्चर्य हो रहा होगा लेकिन हकीकत यही है. दरअसल यहां सुरक्षित तरीके से नाला पार करने के लिये तीस रूपये चुकाने पडते हैं.
महज 30 रुपये दीजिए वो अपनी जिंदगी दांव पर लगा देंगे और आपको उफनता हुआ नाला पार करा देंगे. ये हालत है दंतेवाड़ा की. जो तस्वीरें आप देख रहे हैं वो हैं दंतेवाड़ा के मलगरे नाले की. बारिश के कारण ये नाला पूरे ऊफान पर है लेकिन इसके पार जाने के लिए कोई पुल नहीं है. ऐसी स्थिति में स्थानीय ग्रामीणों को आपदा में अवसर दिखा. अब वे इस नाले को पार कराने के लिए तीस रुपया चार्ज करते हैं. इस पार से उस पार जाने वाले लोगों को वे अपने कंधे पर लटकाते हैं और नाले का सीना चीरते हुए उस पार ले जाते हैं. जाहिर है इस प्रक्रिया में दोनों की जान को खतरा है लेकिन मजबूरी की वजह से वे ऐसा करते हैं.
दरअसल मलगेर नाले के उस पार बुरगुम, रेवाली, नीलावाया समेत लगभग आधा दर्जन गांव पडते हैं. इन गावों को हर साल ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ता है. कुछ समय पहले यहां स्टील ब्रिज को बनाने की स्वीकृति मिली थी लेकिन वो अभी सिर्फ कागजों पर ही है. ग्रामीणों को रोजमर्रा की चीजों को खरीदने के लिए या फिर बीमार और गर्भवती को अस्पताल पहुंचाने के लिए कोई और जरिया नहीं मिलता. जरूरतमंदों को उस पार पहुंचाने का काम वो लोग करते हैं जो अच्छे से तैरना जानते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि ये उनका हर साल का दर्द है. इन सबके बावजूद अफसरों की गैरजिम्मेदारी का आलम ये है कि नाले के ऊफान पर आने के बावजूद उन्होंने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जबकि सरकार आदिवासियों के लिए तमाम सुविधाओं का दावा करती हैं.