'तालीम और तिजारत' से लेकर 'टिफिन मीटिंग' तक, ये है मुस्लिम मतों के लिए बीजेपी का प्लान

भारतीय जनता पार्टी इस बार उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोटों पर भी नजर रख रही है. पार्टी की योजना मुस्लिम वोट बैंक के बीच सेंध लगाने की है. इसलिए पार्टी की तरफ से 'तालीम और तिजारत' कार्यक्रम तय किया गया है

'तालीम और तिजारत' से लेकर 'टिफिन मीटिंग' तक, ये है मुस्लिम मतों के लिए बीजेपी का प्लान

भारतीय जनता पार्टी 'तालीम और तिजारत' कार्यक्रम के माध्यम से मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने का काम करेगी. पार्टी, अल्पसंख्यकों के लिए चलाए गए शिक्षा और आर्थिक लाभ पहुंचाने वाले कार्यक्रमों के माध्यम से यह अभियान चलाएगी.

'तालीम और तिजारत' भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अल्पसंख्यक वोटरों को रिझाने के लिए तैयार कार्यक्रम है. अभी तक मुस्लिम वोटों से दूर रहने वाली भाजपा अब मुस्लिम वोट बैंक मैं भी सेंध लगाने की योजना तैयार कर रही है.

सत्ताधारी पार्टी को यह उम्मीद है कि पिछले 5 सालों में केंद्र और राज्य की तरफ से अल्पसंख्यक मंत्रालय या राज्य के अल्पसंख्यक विभाग की तरफ से चलाए जा रहे शिक्षा और आर्थिक नीति से संबंधित कार्यक्रमों के माध्यम से मुस्लिम वोट भारतीय जनता पार्टी के लिए पहले की तरह अछूत नहीं रहेंगे.

पार्टी को अल्पसंख्यक मंत्रालय की तरफ से चलाए जा रहे विकास कार्यक्रमों के साथ ही महिलाओं के लिए तीन तलाक जैसी कुरीति को खत्म करने के बाद यह उम्मीद है कि अब मुस्लिम वोट बैंक और खासतौर में भी उसमें मुस्लिम महिलाएं बीजेपी को अछूत की तरह नहीं देखतीं.

उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोट बैंक की संख्या कुल आबादी का लगभग 19% है. इन पर फोकस कर उन इलाकों को नोटिफाई किया जा रहा है जहां 2017 विधानसभा चुनाव में पार्टी कम मार्जिन से हारी थी. इन इलाकों में से सहारनपुर नगर है जहां भाजपा 4000 मतों से हारी थी.

इसी तरह गाजियाबाद के धौलाना सीट सभी पार्टी बहुत ही कम वोट से हारी थी. इसके अलावा भी एक दर्जन से ज्यादा ऐसी सीटें हैं जिसे भारतीय जनता पार्टी ने टारगेट किया है. पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा को यह जिम्मेदारी दी गई है कि ऐसे सभी असेंबली में वह तालीम और तिजारत कार्यक्रम के अंतर्गत वर्कशॉप सेमिनार करवाएं.

साथ ही मंत्रियों के साथ सभी स्तर के नेताओं को यह निर्देश दिए गए हैं कि ब्लॉक लेवल से लेकर जिले तक ऐसी अनौपचारिक बैठक मुस्लिम समुदाय के बीच लंच पर की जाए जिसे टिफिन मीटिंग का नाम दिया गया है. इस टिफिन मीटिंग में सभी लोग अपने टिफिन घर से लेकर आएंगे और लंच पर सरकार द्वारा अल्पसंख्यक वर्ग के लिए चलाई जा रही योजनाएं और किए जा रहे कार्यों के बारे में लोगों को बताएंगे.

इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने  कहा कि न सिर्फ उत्तर प्रदेश में बल्कि पूरे देश में जल्दी ही एक कैंपेन लॉन्च किया जाएगा. जिसमें मुस्लिम कम्युनिटी को यह बताने की कोशिश की जाएगी कि मोदी सरकार ने उनके कल्याण के लिए क्या-क्या काम किया है.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में वैसे तो मोर्चा के सदस्य डोर टू डोर जाकर लोगों के साथ बैठक कर उन्हें सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए किए जा रहे कार्यों को बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के लिए जितना किया है आज से पहले किसी भी सरकार ने नहीं किया है.

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं की भलाई के लिए ट्रिपल तलाक जैसी कुरीति को खत्म किया. घर और रोजगार देने के लिए भी कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि पार्टी का अल्पसंख्यक मोर्चा सभी विधानसभा में मौजूद अल्पसंख्यक वर्ग के 5000 लोगों से मिलने का कार्यक्रम चला रहा है.

इस योजना के अंतर्गत 100 लोगों को जिम्मेदारी दी गई है और हर व्यक्ति एक विधानसभा सीट पर 50 परिवारों से संपर्क करेगा. मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने यह भी बताया कि यह भी निर्णय लिया गया है कि एक ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चलाया जाएगा.

जिसमें मोदी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और मुस्लिम वर्ग के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में मुस्लिम कम्युनिटी को बताया जाएगा. इस ट्रेनिंग कार्यक्रम के बाद ट्रेंड कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश सहित गोवा ,हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भी जाकर सरकार की इन योजनाओं का प्रचार प्रसार करेंगे